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सुकमा में आठ लाख के इनामी नक्सली दंपती का सरेंडर

बस्तर के सुकमा में इनामी नक्सली दंपती ने सरेंडर किया (rewarded Naxalite couple surrendered in Sukma) है. दोनों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम (Naxalite Salvam Mutta Sukku and Salvam Gangi) था. सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि दोनों नक्सलियों ने सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर किया है.

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आठ लाख के इनामी नक्सली दंपती का सरेंडर

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Published : Aug 2, 2022, 11:49 PM IST

सुकमा: सुकमा में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. यहां नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर खूंखार नक्सली दंपती ने सरेंडर किया (rewarded Naxalite couple surrendered in Sukma) है. दोनों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था. बताया जा रहा है कि ये नक्सली दंपती ताड़मेटला, टेकलगुड़ा, बुरकापाल जैसी बड़ी वारदातों में शामिल थे. सरेंडर करने वाले दोनों नक्सलियों पर 175 जवानों की शहादत के में शामिल होने का भी आरोप (Naxalite Salvam Mutta Sukku and Salvam Gangi) है.



सुकमा एसपी ने दी जानकारी: सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में लगातार नक्सल उन्मूलन अभियान का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. जिससे प्रभावित होकर नक्सली सरेंडर कर मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं. सरेंडर करने वाले नक्सली दंपती नक्सलियों के दक्षिण बस्तर बटालियन में शामिल थे. सरेंडर करने वाले नक्सलियों के नाम सलवम मुत्ता उर्फ सुक्कु और सलवम गंगी है. ये दोनों सुकमा के चिंतागुफा इलाके में सक्रिय थे. सरेंडर करने वाला पुरुष नक्सली 16 साल से लाल आतंक का झंडा थामे हुआ था. जबकि महिला नक्सली 10 साल से नक्सली संगठन में कार्यरत थी. दोनों ही सुकमा और बीजापुर में कई बड़े नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं.

ये भी पढ़ें: कवर्धा में इनामी नक्सली दंपती ने किया सरेंडर, कई हिंसक वारदातों में रहे थे शामिल

नक्सल संगठन में इस तरह सक्रिय रहा नक्सली मुत्ता

  1. साल 2006 में नक्सल संगठन में शामिल हुआ
  2. साल 2007-8 तक नक्सली विजय का सुरक्षा गार्ड बना, साल 2009 में नक्सली कमांडर हिड़मा के साथ काम किया.
  3. साल 2010 से 2011 तक नक्सलियों के बटालियन हेडक्वार्टर सेक्शन बी में सक्रिय था.
  4. साल 2012 से 2018 तक बटालियन कंपनी नंबर 1 का प्लाटून नंबर 1 में कमांडर रहा.

इनघटनाओंमेंदोनोंथेशामिल

  1. 2010 के ताड़मेटला की घटना में शामिल था. इसमें 76 जवानों की शहादत हुई थी
  2. साल 2014 में कसालपाड़ मुठभेड़ में भूमिका निभाई 14 जवानों की शहाद हुई थी
  3. साल 2007 में भेज्जी में एंबुश लगाया. फोर्स पर अंधाधुंध फायरिंग किए थे, इस घटना में 12 जवान शहीद हुए
  4. साल 2017 में सुराक्षाबलों को बुरकापाल एंबुश में फंसाया. इस घटना में 25 जवान शहीद हुए थे.
  5. साल 2021 में टेकलगुड़ा मुठभेड़ में शामिल था.इसमे 22 जवान शहीद हुए थे.

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