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सुकमा: छापेमारी में 176 बोरी चावल और 50 लीटर मिट्टी का तेल जब्त - छापेमारी

जिले के ग्रामीण अंचलों में पीडीएस की दुकानों में हो रही कालाबाजारी की चर्चा लंबे अर्से से है. खुले बाजार में चावल बेचे जाने की खबरें सामने आती रही हैं.

छापेमारी में 176 बोरी चावल और 50 लीटर मिट्टी का तेल जब्त

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Published : Apr 23, 2019, 9:50 PM IST

सुकमा: गरीबों के हक के राशन की कालाबाजारी का एक और मामला सामने आया है. इसमें खाद्य विभाग की टीम ने छापेमार कार्रवाई करते हुए मंगलवार को कोर्रा के माहरापारा स्थित पुराना बाजार शेड में अवैध भंडारण कर रखे 50 किलो की 176 बोरी चावल और 50 लीटर मिट्टी का तेल बरामद किया है. बताया जा रहा है कि ये चावल बुधवार को नकुलनार के व्यापारी को बेचने के लिए रखा था. ग्रामीणों की शिकायत पर खाद्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए बाजार शेड में रखे राशन को जब्त कर लिया है.

छापेमारी में 176 बोरी चावल और 50 लीटर मिट्टी का तेल जब्त

सहायक खाद्य अधिकारी उत्तम जगत ने बताया कि उन्हें खाद्यान्न चावल की कालाबाजारी और अवैध भंडारण के संबंध में सूचना मिली थी. कार्रवाई करते हुए कोर्रा-मरुकी मार्ग पर पुराना बाजार शेड के 50-50 किलो के 176 बोरी चावल और 50 लीटर मिट्टी का तेल बरामद हुआ है. मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने चावल को गांव के रामदास कश्यप नाम के व्यक्ति का होना बताया है. जब्त खाद्यान्न को पंचायत सचिव केशव कश्यप को सुपुर्द कर दिया गया है.

गादीरास से जुड़े कालाबाजारी के तार
जिले का गादीरास इलाका राशन की कालाबाजारी का अड्डा बन गया है. यही से राशन की कालाबाजारी का धंधा संचालित किया जाता है. कोर्रा और आस-पास इलाके में आधा दर्जन राशन दुकाने संचालित हैं. पहुंचमार्ग नहीं होने और राशन दुकान नियमित नहीं खुलने से ग्रामीण चावल लेने नहीं आते हैं. इसका फायदा सेल्समैन और राशन माफिया उठाते हैं. गरीबों को मिलने वाला राशन खुले बाजार में दोगने और तिगुने दाम पर बेचा जाता है.

पहले भी हुई है शिकायत
कोर्रा निवासी विजय सोढ़ी ने बताया कि इलाके में बड़े पैमाने पर गरीबों का राशन व्यापारियों को बेचा जा रहा है. इससे पहले भी संबंधित व्यक्ति के खिलाफ शिकायत तत्कालीन कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य से की गई थी. प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं होने से कालाबाजारियों के हौसले बुलंद हैं. ग्रामीण इलाके में कई मील पैदल चलकर ग्रामीण राशन दुकान आते हैं और उन्हें राशन नहीं मिलता है.

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