सुकमा: कोरोना संक्रमित होने पर थोड़ी घबराहट और मानसिक तौर पर विचलित होना लाजिमी है. पाॅजिटिव रिर्पोट आने पर व्यक्ति को डर तो लगता ही है, लेकिन इस डर से पार पाना और कोरोना को मात देना बहुत आसान है. जरूरत है तो बस बुलंद हौसले और कोरोना को हराने की मजबूत इच्छाशक्ति की. यह कथन है शारदा पुराणिक का, जिन्होंने 84 वर्ष की आयु में कोरोना को परास्त किया. वे आज स्वस्थ होकर अपने पोते-पोती के साथ घर पर आनंदमय समय व्यतीत कर रहीं हैं.
शांति नगर सुकमा की रहने वाली शारदा पुराणिक ने बताया कि उन्होंने दो तीन दिनों से सर्दी-खांसी और बुखार होने की शिकायत पर कोरोना जांच करवाई. परिवार के अन्य सदस्यों को भी कोरोना जांच करवाने के लिए कहा. दो दिन बाद 12 अप्रैल को उनकी जांच रिर्पोट पाॅजिटिव आई. उनके साथ ही उनकी बहू भी कोरोना पाॅजिटिव थी. दोनों को जिला कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां डाक्टर्स की कुशल चिकित्सा सेवा, पौष्टिक आहार, दवाइयों और कोरोना को परास्त करने के दृढ़ निश्चय के साथ सास-बहू की इस जोड़ी ने सिर्फ 10 दिनों में कोरोना को हरा दिया.