सुकमा:छिदंगढ़ विकासखंड के नक्सल प्रभावित इलाके का रहने वाला 13 साल का गणेश बचपन से ही देख नहीं सकता था, उसे मोतियाबिंद की वजह से दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता था, लेकिन मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद एक आंख की रोशनी लौट आई है, जिससे अब वह ये रंगीन दुनिया देख रहा है.
13 साल बाद रोशन हुई 'गणेश की दुनिया', पढ़ें पूरी खबर - गणेश बचपन से ही मूक-बधिर था
गणेश छिदंगढ़ विकासखंड के नक्सल प्रभावित गांव कुन्ना के रहने वाले 13 साल के गणेश के आंख की ऑपरेशन हुई है, जिससे गणेश को 13 साल बाद उसको दिखाई दे रहा है.
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दरअसल, गणेश छिदंगढ़ विकासखंड के नक्सल प्रभावित गांव कुन्ना का रहने वाला है, जिसको जुलाई 2019 में गणेश के पिता ने जिला मुख्यालय में संचालित मूक-बधिर स्कूल में उसका दाखिला करवाया था. जहां बच्चों की देख-रेख की जाती है. कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश के बाद गणेश को जिला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाया गया. जांच के बाद डॉ. मूर्ति ने गणेश के नेत्र का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया. 24 जनवरी को गणेश के एक आंख का सफल ऑपरेशन हुआ. गणेश 13 साल बाद अपनी आंखों से दुनिया देख पा रहा है.
13 वर्षीय गणेश का ऑपेरशन रहा सफल
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मूर्ति ने बताया कि जन्मजात से ही गणेश की आंखों में कमिंया थीं. दोनों आंखों में रोशनी न के बराबर थी. गणेश बचपन से मोतियाबिंद से ग्रसित था, जिसका ऑपरेशन किया गया, जिससे गणेश की आखों की रोशनी लौट आई है. दोनों आंखों में मोतियाबिंद की बीमारी से पीड़ित 13 वर्षीय गणेश का सफल ऑपेरशन किया गया है. डाक्टर ने बताया कि दूसरे आंख का आपरेशन करीब महीनेभर बाद जिला अस्पताल में किया जाएगा.