सुकमा: नक्सली नेता कट्टी मोहन राव उर्फ प्रकाश उर्फ दामू दादा की मौत हो गई है. सीपीआई (माओवादी) की तेलंगाना स्टेट कमेटी ने पुष्टि की है. संगठन ने दामू दादा की मौत हार्ट अटैक से होने की बात कही है. वहीं सूत्रों के अनुसार नक्सली कट्टी मोहन की मौत कोरोना से हुई है. महबूबाबाद जिले के बयाराम मंडल का सदस्य मोहन राव 1982 में नक्सल संगठन में शामिल हुआ था. जिसके बाद वह आरएसयू में शामिल हुआ. मोहन ने 39 साल तक नक्सलियों के लिए काम किया.
मोहन राव छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों का मेंटर था. यहां वह नक्सलियों की ओर से संचालित स्कूल में शिक्षक के तौर पर कार्यरत था. बताया जा रहा है कि पीएलजीए(पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) 10 जून को उनके ठिकाने पर गई थी. पीएलजीए बल ने दामू दादा का इलाज किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. नक्सली दामू दादा के निधन के बाद नक्सलियों परिवार को शव देने में असमर्थतता जताई.
नक्सलियों के कम्युनिकेशन चीफ सोबराय की कोरोना से मौत, हैदराबाद में चल रहा था इलाज
कुछ दिन पहले हुई थी नक्सलियों के कम्युनिकेशन टीम के चीफ की मौत
नक्सलियों ने 11 जून को दंडकारण्य वन क्षेत्र में नक्सली मोहन राव अंतिम संस्कार किया. दंडकारण्य में अनेक नक्सलियों के कोरोना संक्रमित होने की बात कही जा रही है.कोरोना वायरस का संक्रमण नक्सलियों पर भी कहर बरपा रहा है. कुछ दिन पहले ही कोरोना संक्रमित नक्सलियों के कम्युनिकेशन टीम के चीफ (Chief of communication team of Naxalites) गद्दाम मधुकर उर्फ सोबराय (Gaddam Madhukar alias Sobrai) की हैदराबाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने मौत की पुष्टि की थी. कुछ दिन पहले बीजापुर के नक्सली कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु की भी कोरोना से मौत हो गई थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने नक्सलियों से अपील की है कि कोरोना संक्रमित नक्सली सरेंडर करें. शासन उनका इलाज कराएगी.