सुकमा: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ज्यादातर ग्रामीणों के पास बैंक खाते नहीं होने के कारण तेंदूपत्ता संग्राहकों को ऑनलाइन भुगतान (Online payment to tendu patta collectors) किया जाना संभव नहीं था. जिसके कारण इस साल इन्हें नकद भुगतान किया जा रहा है. इधर कोरोना काल में तेंदूपत्ता संग्राहको को नकद भुगतान की सुविधा मिलने से ग्रामीणों को काफी राहत मिल रही है.
सुकमा जिले में वनोपज संग्रहण यहां की जनता की आय का मुख्य स्त्रोतों में से एक है. खासकर अंदरुनी क्षेत्रों में ग्रामीण तेंदूपत्ता, महुआ जैसे वनोपज का संग्रहण (collection of forest produce) कर, वनोपज समितियों को बेचकर कमाते हैं. सुकमा जिले में तेंदूपत्ता संग्राहकों को वनोपज सहकारी समितियों के द्वारा उनके पारिश्रमिक का नगद भुगतान किया जा रहा है. इसी कड़ी में गुरुवार को जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्र जगरगुंडा में संग्राहकों को भुगतान किया गया. जगरगुंडा क्षेत्र में 324 संग्राहकों द्वारा एक लाख 62 हजार 600 गड्डी तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया. जिसके लिए उन्हें शासन की ओर से निर्धारित 4 हजार रुपये प्रति मानक बोरा के दर से कुल 6 लाख 50 हजार 400 रुपए का नगद भुगतान किया गया.