बस्तर: छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के साथ समन्वय में काम करने वाली जिला पुलिस के प्रयासों से 14 अगस्त को यह काम पूरा किया गया. आजादी के 76 साल बाद एल्मागुंडा में बिजली पहुंची. अब लोगों के जीवन में बदलाव देखने को मिल रहा है. बिजली सेवा को गांव तक पहुंचाने के लिए कई बैठकें की गई. लोगों को जागरुक किया गया. तब जाकर यहां बिजली पहुंचाने का काम आसान हुआ. गांववालों के साथ मीटिंग में नक्सलियों से दूरी बनाए रखने की भी अपील की गई.
सीआरपीएफ ने निभाई अहम भूमिका: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने भी इस कार्य में योगदान दिया. जिला प्रशासन, पुलिस और अन्य एजेंसियों के प्रयासों ने ग्रामीणों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है. ग्रामीण अब अपने जीवन में बदलाव देख रहे हैं.लगभग छह महीने पहले एल्मागुंडा में सुरक्षा बलों का एक शिविर स्थापित किया गया था. इससे विकास कार्यों को गति मिली है. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि इन सुदूर गांवों में सुरक्षा शिविर एकीकृत विकास केंद्र के रूप में भी काम कर रहे हैं.
''स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सुकमा जिले के एल्मागुंडा गांव में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम हुआ. पिछले साल नक्सली गतिविधि से मुक्त हुए गांव के परिवारों को बिजली कनेक्शन मिला."- सुंदरराज पी, आईजी बस्तर