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बस्तर में सड़क के लिए परेशान ग्रामीणों ने लिया बड़ा फैसला

Road Inconvenience In Bastar बस्तर के कुछ क्षेत्रों में विकास हो रहा है तो कुछ इलाकों में सड़क पानी बिजली के लिए लोग तरस रहे हैं. विधानसभा चुनाव में वोट डालने के दौरान यहां के लोगों को इस बात की उम्मीद जगी कि उनके गांव में पक्की सड़क बनेगी लेकिन अब तक कुछ नहीं होने से गांव वालों की नाराजगी सामने आ रही है. boycott Lok Sabha elections

Road inconvenience in Bastar
सड़क के लिए लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 19, 2024, 1:36 PM IST

Updated : Jan 29, 2024, 7:08 PM IST

सड़क के लिए लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

बस्तर:छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के अंतिम छोर में बसे चांदामेटा ने साल 2023 में जमकर सुर्खियां बटोरी. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में चुनाव आयोग ने पहली बार मतदान केंद्र बनाया. जिसके बाद यहां कई सुविधाएं शुरू की गई. लेकिन चांदामेटा गांव से पहले स्थित कोलेंग, काचीररास के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं.

कोलेंग गांव में सड़क के नाम पर खुद ब खुद बना कच्चा रास्ता है. जहां पैदल चलना भी मुश्किल है. गांव में किसी के बीमार रहने पर कोई एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है. गांव वाले ही कांवड़ में बैठाकर मरीज को मेन रोड तक ले जाते हैं. बारिश के दिनों में वो गुंजाइश भी नहीं रह पाती. पूरा गांव जिला मुख्यालय से अलग हो जाता है. ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने गांव में सड़क के लिए अधिकारियों और नेताओं के दरवाजे खटखटाए लेकिन गांव में सड़क नहीं बन पाई.

बारिश में गांव की हालत हो जाती है बदतर:गांव के ग्रामीण रमेश कुंजाम ने बताया कि सरकार ने इस क्षेत्र के ग्रामीणों को पूरी तरह से छोड़ दिया है. इस क्षेत्र में दौरा करने वाले नेता मंत्री व अधिकारी कोलेंग तक पहुंचते हैं लेकिन उनके गांव काचीररास के सरगीपाल तक नहीं आते. कई बार नेताओं को सड़क के लिए आवेदन दिए हैं लेकिन आश्वासन के सिवाए कुछ नहीं मिला. बारिश के दिनों में मुसीबत और बढ़ जाती है. मोटरसाइकिल और चारपहिया वाहन कीचड़ में फंस जाता है. कई बार पैसा खर्चा करके कलेक्ट्रेट कार्यालय तक गए थे डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

विकास की उम्मीद में साल 2023 के विधानसभा चुनाव में वोट दिए हैं. ताकि क्षेत्र में विकास हो सकें. अभी भी उम्मीद है लेकिन अब अगर सड़क नहीं बनाएंगे तो इस बार चुनाव में वोट नहीं देंगे. -रमेश कुंजाम, ग्रामीण, सरगीपाल

सड़क नहीं होने से ग्रामीण परेशान: गांव के ही सोनारू मरकाम ने बताया "यह काचीररास का सर्गीपाल गांव है. सड़क की स्थिति ऐसी है कि चलने लायक नहीं है. इस क्षेत्र में कोई अधिकारी- जनप्रतिनिधि दौरा नहीं करते हैं. कई बार कलेक्ट्रेट कार्यालय, विधायक के यहां ज्ञापन दिए हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है.

बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया "बस्तर जिले में कई ऐसे क्षेत्र हैं. जहां दिक्कतें होने के कारण अधिकारी दौरा नहीं कर पा रहे थे और विकास कार्यों को शुरू नहीं कर पा रहे थे. अब धीरे धीरे क्षेत्र के लोगों का शासन प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ रहा है. विकास की गति ऐसे सभी गांवों में पहुंचाने की कोशिश करेंगे. जहां जहां दिक्कतें बनी हुई है."

पहले नक्सल इलाका था पूरा क्षेत्र:काचीररास क्षेत्र पहले नक्सलियों के कब्जे में था. उस दौरान किसी भी तरह का विकासकार्य नहीं हो पाता था. लेकिन अब ये क्षेत्र नक्सलमुक्त है. पास ही स्थित चांदामेटा में पक्की सड़क बन चुकी है जबकि उसके पास स्थित काचीररास में लोग पक्की सड़क के लिए परेशान है. नक्सलमुक्त होने के कारण विकास की पूरी संभावना इस क्षेत्र में बनी हुई है. गांव वाले भी चाहते हैं कि उनके क्षेत्र में सड़क हो पानी हो बिजली हो लेकिन किसी तरह का काम नहीं होने से वे परेशान है. इस वजह से ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव 2024 का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.

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Last Updated : Jan 29, 2024, 7:08 PM IST

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