बस्तर:छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के अंतिम छोर में बसे चांदामेटा ने साल 2023 में जमकर सुर्खियां बटोरी. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में चुनाव आयोग ने पहली बार मतदान केंद्र बनाया. जिसके बाद यहां कई सुविधाएं शुरू की गई. लेकिन चांदामेटा गांव से पहले स्थित कोलेंग, काचीररास के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं.
कोलेंग गांव में सड़क के नाम पर खुद ब खुद बना कच्चा रास्ता है. जहां पैदल चलना भी मुश्किल है. गांव में किसी के बीमार रहने पर कोई एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है. गांव वाले ही कांवड़ में बैठाकर मरीज को मेन रोड तक ले जाते हैं. बारिश के दिनों में वो गुंजाइश भी नहीं रह पाती. पूरा गांव जिला मुख्यालय से अलग हो जाता है. ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने गांव में सड़क के लिए अधिकारियों और नेताओं के दरवाजे खटखटाए लेकिन गांव में सड़क नहीं बन पाई.
बारिश में गांव की हालत हो जाती है बदतर:गांव के ग्रामीण रमेश कुंजाम ने बताया कि सरकार ने इस क्षेत्र के ग्रामीणों को पूरी तरह से छोड़ दिया है. इस क्षेत्र में दौरा करने वाले नेता मंत्री व अधिकारी कोलेंग तक पहुंचते हैं लेकिन उनके गांव काचीररास के सरगीपाल तक नहीं आते. कई बार नेताओं को सड़क के लिए आवेदन दिए हैं लेकिन आश्वासन के सिवाए कुछ नहीं मिला. बारिश के दिनों में मुसीबत और बढ़ जाती है. मोटरसाइकिल और चारपहिया वाहन कीचड़ में फंस जाता है. कई बार पैसा खर्चा करके कलेक्ट्रेट कार्यालय तक गए थे डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
विकास की उम्मीद में साल 2023 के विधानसभा चुनाव में वोट दिए हैं. ताकि क्षेत्र में विकास हो सकें. अभी भी उम्मीद है लेकिन अब अगर सड़क नहीं बनाएंगे तो इस बार चुनाव में वोट नहीं देंगे. -रमेश कुंजाम, ग्रामीण, सरगीपाल