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कंक ऋषि की तपोभूमि में आए थे राम, हाथों से शिवलिंग बनाकर की थी पूजा

Ram came to Kanker,Rama,kank rishi,Kanker State: कांकेर ऐतिहासिक धर्मनगरी है. राज्य के 36 गढ़ में एक गढ़ कांकेर रियासत भी रहा है. कांकेर कंक ऋषि का तपोवन था. कंक ऋषि ने कांकेर की भूमि में तपस्या की थी.इसी वजह से क्षेत्र का नाम कांकेर पड़ा.लंका गमन के दौरान कांकेर में भी श्रीराम का आगमन हुआ था.जिसके प्रमाण आज भी दिखते हैं.

Ram came to Kanker
कंक ऋषि की तपोभूमि में आए थे राम

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 11, 2024, 4:28 PM IST

Updated : Apr 17, 2024, 12:51 PM IST

कंक ऋषि की तपोभूमि में आए थे राम

कांकेर : धार्मिक ग्रंथों में विदित है कि प्रभु श्रीराम वनवास के दौरान कांकेर के दुधावा स्थित कंक ऋषि के आश्रम आए थे. प्रभु श्री राम कंक ऋषि से मिलने के बाद कांकेर के रामपुर जुनवानी गए.इसके बाद कांकेर नगर के भंडारीपारा में आराम गढ़िया पहाड़ की ओर प्रस्थान किया.

भगवान विष्णु की प्रतिमा की स्थापित : वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि रामायण काल के दौरान भगवान श्री राम की वनवास काल के दौरान कांकेर आने के प्रत्यक्ष प्रमाण मिलते हैं. प्रभु श्रीराम वनवास काल के दौरान कांकेर की सीमा दुधावा से प्रवेश किया. वहां से वह भ्रमण करते-करते कांकेर शहर से 8 किलोमीटर दूर रामपुर जुनवानी गांव पहुंचे थे. श्रीराम ने जुनवानी में भगवान विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित की थी. वो प्रतिमा आज भी विद्यमान है.जहां लोग पूजा अर्चना करते हैं.

राम ने हाथों से बनाया था शिवलिंग :कांकेर शहर के भंडारीपारा के देव तालाब में शिवलिंग बनाकर श्रीराम ने पूजा की थी. भंडारीपारा में शिवलिंग आज भी है.जहां पर मंदिर बनाने का प्रयास श्रद्धालु कर रहे हैं. भंडारीपारा से भगवान राम दूध नदी को पार करते हुए वर्तमान में जो राजापारा है उसके पीछे हिस्से के रास्ते से होकर गढ़िया पहाड़ चढ़े थे. फिर गढ़िया पहाड़ में शिव पूजा की थी.

गुफा मार्ग से निकले थे केशकाल की ओर :ऐसा बताया जाता है कि भगवान राम गढ़िया पहाड़ में एक जोगी गुफा है इस गुफा के अंदर से केशकाल घाटी निकले थे. आज भी उसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं. गुफा के अवशेष आज भी मौजूद हैं. क्योंकि कांकेर कंक ऋषि की तपोभूमि रही है इसलिए भगवान राम ने यहां बहुत लंबा समय बिताया था.

''भगवान राम वनवास काल के दौरान कांकेर में बहुत समय बिताया. 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस अवसर पर पूरे शहरवासी दिवाली मनाएंगे.''रामगोपाल कोठारी,स्थानीय

पुरातन मूर्तियों के लिए मंदिर का निर्माण :मान्यता है कि भगवान राम ने भंडारीपारा में तालाब किनारे रामनाथ महादेव की स्थापना करने के बाद शिव पूजन किया था. वर्तमान में यहां तालाब किनारे मूर्तियां खुले में पड़ी हैं.तालाब किनारे अतिक्रमण हो रहा है. इस स्थान पर जनसहयोग से शिव और राम मंदिर बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है. यहां से कुछ मूर्तियां चोरी भी हो चुकी है.

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Last Updated : Apr 17, 2024, 12:51 PM IST

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