कांकेर : धार्मिक ग्रंथों में विदित है कि प्रभु श्रीराम वनवास के दौरान कांकेर के दुधावा स्थित कंक ऋषि के आश्रम आए थे. प्रभु श्री राम कंक ऋषि से मिलने के बाद कांकेर के रामपुर जुनवानी गए.इसके बाद कांकेर नगर के भंडारीपारा में आराम गढ़िया पहाड़ की ओर प्रस्थान किया.
भगवान विष्णु की प्रतिमा की स्थापित : वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि रामायण काल के दौरान भगवान श्री राम की वनवास काल के दौरान कांकेर आने के प्रत्यक्ष प्रमाण मिलते हैं. प्रभु श्रीराम वनवास काल के दौरान कांकेर की सीमा दुधावा से प्रवेश किया. वहां से वह भ्रमण करते-करते कांकेर शहर से 8 किलोमीटर दूर रामपुर जुनवानी गांव पहुंचे थे. श्रीराम ने जुनवानी में भगवान विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित की थी. वो प्रतिमा आज भी विद्यमान है.जहां लोग पूजा अर्चना करते हैं.
राम ने हाथों से बनाया था शिवलिंग :कांकेर शहर के भंडारीपारा के देव तालाब में शिवलिंग बनाकर श्रीराम ने पूजा की थी. भंडारीपारा में शिवलिंग आज भी है.जहां पर मंदिर बनाने का प्रयास श्रद्धालु कर रहे हैं. भंडारीपारा से भगवान राम दूध नदी को पार करते हुए वर्तमान में जो राजापारा है उसके पीछे हिस्से के रास्ते से होकर गढ़िया पहाड़ चढ़े थे. फिर गढ़िया पहाड़ में शिव पूजा की थी.
गुफा मार्ग से निकले थे केशकाल की ओर :ऐसा बताया जाता है कि भगवान राम गढ़िया पहाड़ में एक जोगी गुफा है इस गुफा के अंदर से केशकाल घाटी निकले थे. आज भी उसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं. गुफा के अवशेष आज भी मौजूद हैं. क्योंकि कांकेर कंक ऋषि की तपोभूमि रही है इसलिए भगवान राम ने यहां बहुत लंबा समय बिताया था.