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डीबीटी के माध्यम से भुगतान को लेकर बुनकर में विरोध, दूसरे ओर रूख करने को मजबूर - Weaver merchant payment problem

बुनकर सोसाइटी सोमाझिटिया में बुनकरों ने वेतन की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि डीबीटी के माध्यम से पेमेंट कब तक होगा, इसकी कोई निश्चित अवधि नहीं है, जबकि समिति के माध्यम से भुगतान समय पर हो जाता है.

डीबीटी से भुगतान को लेकर बुनकरों में विरोध
बुनकर व्यापारी

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Published : Aug 31, 2020, 7:17 PM IST

Updated : Aug 31, 2020, 9:23 PM IST

डोंगरगांव/राजनांदगांव: छुरिया के अंतर्गत आने वाले सबसे बड़े बुनकर सोसाइटी सोमाझिटिया में बुनकरों ने भुगतान को लेकर मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने डीबीटी के माध्यम से होने वाले भुगतान का विरोध किया है. उन्होंने समिति के माध्यम से भुगतान किए जाने की मांग की है. बीते दिनों छत्तीसगढ़ राज्य हथकरघा विकास और विपणन सहकारी संघ मर्यादित के सचिव ने पत्र जारी कर कहा कि बुनाई का पारिश्रमिक जो कि अबतक समिति के माध्यम से होता था, उसे अब आगामी सितंबर से प्रदेश स्तर पर डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा. इसे लेकर बुनकरों में विरोध है. बुनकरों को 31 अगस्त तक अपना नाम और खाता क्रमांक देना था और 1 सितंबर 2020 के बाद भुगतान डीबीटी के माध्यम से ही किया जाना है.

डीबीटी से भुगतान को लेकर बुनकरों में विरोध

आदेश के बाद से ही बुनकरों में नाराजगी देखी जा रही है. इस संदर्भ में आदर्श बुनकर सहकारी समिति सोमाझिटिया के सभी सदस्य, उपाध्यक्ष पदाधिकारियों ने एक राय बनाकर इस संबंध में सचिव छत्तीसगढ़ राज्य ग्राम उद्योग विभाग को पत्र सौंपकर डीबीटी के माध्यम से भुगतान नहीं किए जाने की मांग रखी है. उन्होंने बताया कि डीबीटी के माध्यम से पेमेंट कब तक होगा, इसकी कोई निश्चित अवधि नहीं है, जबकि समिति के माध्यम से भुगतान समय पर हो जाता है. प्रादेशिक स्तर पर भी भुगतान होने से बुनकरों के खाते तक राशि आने में काफी देरी होगा. भुगतान में देरी होने की स्थिति में बुनकर हताश हो रहे हैं. वे मजबूरन अन्य कामों की ओर रूख करेंगे, जबकि वर्तमान में कोरोना काल होने के बावजूद सोसायटी से जुड़े बुनकर पर्याप्त कार्य कर रहे हैं. सोसायटी के प्रबंधक चेतन देवांगन ने भी बुनकरों की बात का समर्थन करते हुए समिति के माध्यम से ही पेमेंट करने की बात कही है. इधर, बुनकर संघ ने भी खुलकर अपनी बात रखी है और इस मामले में पत्र लिखकर समस्या का निराकरण करने के बाद ही पेमेंट की बात कही है.

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फिलहाल धागा भरने काम करते रहे हैं ग्रामीण

समझीटिया के लोग पहले बुनाई का भी काम करते थे और यह काम प्रत्येक घर में किया जाता था. वहीं अब कुछ ही घरों में धागा भराई का काम किया जा रहा है. वे इस काम को 30 वर्षों से करते आ रहे हैं और इस काम को घर के बुजुर्ग करते हैं. वहीं कुछ घरों में बुनाई का काम आज भी जारी है. धागा भरने का काम करने वाली बुजुर्ग महिला का कहना है कि पेटी के अनुसार पैसे देखे जाते हैं. जितना पेटी उतने का पैसा दिया जाता है और एक पेटी के पीछे सौ रुपये मिलता है.

माल के उठाव को लेकर जताई चिंता

बुनकर सोसाइटी के मुताबिक माल तो पर्याप्त मात्रा में बनाया जा चुका है. वहीं स्टॉक आगामी वर्ष के लिए भी भरपूर है. माल का उठाव नहीं होने के कारण स्टॉक जाम रहते हैं. शासकीय कार्यालय में भी बुनकर सोसाइटी के कपड़ों की मांग नहीं के बराबर है. यदि यहां के बने चादर शासकीय कार्य में कड़ाई से लागू किया जाए तो सभी बुनकरों को इसका फायदा मिलेगा.

Last Updated : Aug 31, 2020, 9:23 PM IST

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