राजनांदगांव:सरकार के वादों, प्रशासन के दावों और सिस्टम पर करारा तमाचा जड़ते हुए गांववालों ने खुद ही सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया. जिले के मानपुर ब्लॉक के खुरसेकला गांव में ग्रामीणों ने मिलकर 3 किलोमीटर की सड़क बनाने का जिम्मा खुद पर लिया है. यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि न तो बच्चे स्कूल जा पाते और न बीमार अस्पताल. इतना ही नहीं राशन के लिए भी कड़ी जद्दोजहद करनी पड़ती थी. अफसरों से विनती करते-करते जब ये गांववाले हार गए तो खुद ही रोड बनाना शुरू कर दिया.
गांव के लोगों को कई साल से इस सड़क पर आवाजाही करने में परेशानी हो रही थी. वहीं मानसून आने के लिए अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में सड़क निर्माण की जरूरत को देखते हुए ग्रामीणों ने खुद ही श्रमदान शुरू किया. 5 दिन से सड़क निर्माण जारी है और लगभग पूरा होने वाला है.
विधायक ने भी फेर लिया मुंह !
जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर मानपुर ब्लॉक का खुरसेकला गांव आजादी के 70 सालों बाद भी आज मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. चाहे स्वास्थ्य सुविधा हो, पानी, बिजली, स्कूल या फिर सड़क. हर क्षेत्र में अभाव मुंह फैला कर खड़ा है. ग्रामीण कई दशक से शासन-प्रशासन को गांव की समस्याओं से अवगत करा रहें है, लेकिन जिम्मेदारों ने अब तक इनकी परेशानी पर कोई ध्यान नहीं दिया. क्षेत्रीय विधायक ने भी इस गांव की सुध नहीं ली. इसलिए ग्रामीण अब बारिश शुरू होने से पहले अपनी व्यवस्था खुद करने में लग गए और 3 किलोमीटर की सड़क श्रमदान से तैयार कर ली.
स्कूल नहीं जा पाते बच्चे
बारिश के दिनों में यह गांव पूरी तरह टापू में बदल जाता है. कोई बाहरी व्यक्ति इस गांव में नहीं आ सकता और न ही इस गांव का कोई व्यक्ति बाहर जा सकता है. पूरे बारिश के मौसम के दौरान बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि खराब रास्ते की वजह से गांव के स्कूल में कोई शिक्षक आने को तैयार नहीं होता. उनका कहना है कि मानपुर में स्कूल जाने के लिए लड़कों को दिक्कत नहीं होती, क्योंकि उनके लिए वहां छात्रावास की सुविधा है. परेशानियां लड़कियों के हिस्से में आती है जो 4-5 किलोमीटर चलकर इस रास्ते से गुजरती हैं.