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आदिवासी की जीविका पर मौसम  की मार, घटा 'हरे सोने' का व्यापार - rajnandgaon news

खराब मौसम के कारण आदिवासियों की आय का मुख्य स्त्रोत तेंदूपाता खराब हो रहा है. ऐसे में आने वाले समय में आदिवासियों के सामने जीविका चलाना एक बड़ी चुनौती हो सकती है.

Tendu patta is getting spoiled
'हरे सोने' का व्यापार

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Published : May 24, 2020, 10:29 PM IST

खैरागढ़/राजनांदगांव : लॉकडाउन और खराब मौसम ने खैरागढ़ वन मंडल में तेंदूपत्ता तोड़ाई और संग्रहण को प्रभावित कर दिया है. गरीब परिवारों को हरा सोना (तेंदूपत्ता) बड़ी राहत तो नहीं, लेकिन दो तीन महीने के खर्च की समस्या से निजात दिला देता है. लेकिन साल 2020 में लगातार बारिश, ओलावृष्टि, आंधी से तेंदूपत्ता की गुणवत्ता खराब हो चुकी है. यही वजह है कि अब लोगों को आमदनी के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. लोगों को अच्छे पत्तों की तालाश में दूर जंगलों तक जाना पड़ रहा है.

इस बार वन विभाग ने तेंदूपत्ता खरीदी में 42 हजार 600 मानक बोरा का लक्ष्य रखा है. लेकिन अब तक 24 समितियों में महज 10 हजार 830 मानक बोरा का ही संग्रहण हो पाया है. इसी तरह लॉट के संग्रहण कार्य में लगे मजदूरों की संख्या भी बीते साल से कम है. अभी 21 हजार 726 संग्राहक संग्रहण काम में जुटे हैं. तेंदूपत्ता के 24 में से 19 लाट ठेकेदारों ने खरीदे हैं, जबकि पांच लाट के लालबहादुर नगर, बागनदी, कोठीटोला, बागरेकसा, बोरतलाव, डोंगरगढ़, शिवपुरी, मुढ़ीपार, ईटार, गातापार जंगल, छुईखदान, पाड़ादाह, गंडई, ठाकुरटोला, बकरकट्टा, कुम्हरवाड़ा, रामपुर, पैलीमेटा और साल्हेवारा समितियों में विभागीय तौर पर तेंदूपत्ता संग्रहण का काम जारी है.

लाटो में संग्रहण का बेहतर काम
साल्हेवारा के दोनों लाट में संग्रहण का बेहतर काम हो रहा है. 2400 मानक बोरे के लक्ष्य के पर अब तक 1253 मानक बोरा और 2300 के लक्ष्य के विरूद्ध 982 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण हो चुका है. दोनों समितियों में संग्राहकों की संख्या भी अधिक है. साल्हेवारा एक में 2 हजार 220 और दो में 1 हजार 861 संग्राहक संग्रहण कर रहे हैं.

ईटार पीछे चल रहा
खैरागढ़ इलाके में सबसे बेहतर गुणवत्ता देने वाले ईटार समिति में संग्रहण काम इस बार धीमा चल रहा है. ईटार में 1 हजार 800 मानक बोरा संग्रहण लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अब तक 206 मानक बोरा ही संग्रहण हो पाया है, यहां 721 संग्राहक जुटे हैं.

डोंगरगढ़ सबसे ज्यादा पीछे
संग्रहण के मामले में डोंगरगढ़ समिति में सबसे पीछे चल रहा है. समिति में अब तक 183 मानक बोरे की ही तोड़ाई हो पाई है, जबकि समिति को 1 हजार 500 मानक बोरे का लक्ष्य दिया गया है. यहां 873 संग्राहक हैं. संबंध में खैरागढ़ फारेस्ट एसडीओ एएल खूंटे ने बताया कि मौसम की खराबी और कोरोना संक्रमण के कारण संग्रहण कार्य धीमा हुआ है. सप्ताह भर में इसकी रफ्तार बढ़ेगी.

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