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ड्यूटी के दौरान शिक्षक की मौत, संघ ने सभी टीचर्स का बीमा कराए जाने की मांग की - शिक्षक संगठन शालेय शिक्षाकर्मी संघ

राजनांदगांव जिले में कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे एक शिक्षक की अचानक मौत हो गई. जिसके बाद शिक्षक संघ ने सरकार से एक करोड़ रुपए पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है. साथ ही सभी शिक्षकों का बीमा कराए जाने की भी मांग की है.

teacher dies while duty
ड्यूटी के दौरान शिक्षक की मौत

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Published : May 25, 2020, 12:16 PM IST

राजनांदगांव: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाई गई ड्यूटी के दौरान एक शिक्षक की अचानक मृत्यु हो गई. जिसके बाद कर्मचारी संगठनों ने शासन से गुहार लगाई कि मृत शिक्षक के परिवार को मुआवजा मिले और समस्त कर्मचारियों को 1 करोड़ रुपए का बीमा कवर और ड्यूटी के दौरान संक्रमण रोकने के लिए सभी सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराए जाएं.

ड्यूटी के दौरान शिक्षक की मौत

प्रदेश के शिक्षक संगठन शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने आह्वान किया था कि सभी शिक्षक अपने मृतक शिक्षक साथी को श्रद्धांजलि अर्पित करें और 1 करोड़ बीमा मुआवजा और सुरक्षा संसाधन की मांग के लिए अपने-अपने घर से सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए पोस्टर के द्वारा अपनी आवाज उठाएं. इस अपील को प्रदेश के शिक्षकों का भारी समर्थन मिला. जिसके चलते छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से शिक्षकों ने अपने मृतक साथी को श्रद्धांजलि देते हुए मांग से सबंधित पोस्टर जारी कर इस मुहिम की शुरुआत की है.

छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के उपप्रांताध्यक्ष और जिला अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में कोरोना ड्यूटी के दौरान बलरामपुर जिले में पदस्थ शिक्षक सियाराम की अचानक मौत से पूरा शिक्षक समूह अस्थिर है. रविवार को सभी शिक्षकों ने अपने-अपने घर में मोमबत्ती या दीपक जलाकर दिवंगत शिक्षक को श्रद्धांजलि दी.

शिक्षक संघ ने कहा कि वे शासन से मृतक शिक्षक के परिवारजनों के लिए 1 करोड़ रुपए मुआवजा और अनुकंपा नियुक्ति की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने कोरोना ड्यूटी कर रहे एक शिक्षक की मृत्यु हो जाने पर उनके परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया. इसी तरह छत्तीसगढ़ भी मृतक शिक्षक के परिवारजनों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा दे.

छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने की अपील

  • कोरोना रोकथाम में संलग्न शिक्षक सहित समस्त कर्मचारी डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका, निकाय कर्मी, सफाईकर्मी की हो परवाह.
  • मृतक परिवार को मिले एक करोड़ का मुआवजा और आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए.
  • एक्टिव सर्विलांस दल और कोरोना संक्रमण रोकथाम में लगे समस्त लोगों को मिले सुरक्षा के समस्त संसाधन.
  • छ.ग. शालेय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से पत्र लिखकर यह मांग की है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए संलग्न शिक्षक सहित समस्त कर्मचारियों की सुरक्षा और भविष्य की परवाह करते हुए शासन हरेक कर्मचारी का एक करोड़ का बीमा करवाए.
  • ड्यूटी के वक्त कोरोना संक्रमण से बचाने वाले समस्त संसाधन भी मुहैय्या करवाए, ताकि वे निश्चिंत होकर अपना दायित्व निभा सकें.

सुरक्षा किट दे सरकार

संगठन के महामंत्री हरीश शर्मा और जिला उपाध्यक्ष सुशील शर्मा ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के प्रदेश आगमन के बाद छत्तीसगढ़ में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ अचानक बढ़ गया है, जबकि प्रवासी मजदूरों का आना लगातार जारी है. गांव-गांव के स्कूलों और अन्य भवनों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में तब्दील किया गया है. जहां बड़ी संख्या में शिक्षकों, पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है, जो इन सेंटर्स में आवास, भोजन, सुरक्षा, सर्वेक्षण और देखरेख का काम कर रहे हैं. ऐसे में इन सभी कर्मचारियों की सुरक्षा की अनदेखी नहीं की जा सकती है.

संघ ने दी सहमति

कोरोना रोकथाम में लगे कर्मचारियों के लिए एक करोड़ रुपए का बीमा और सुरक्षा संसाधन की मांग करने वालों में छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के सभी पदाधिकारी कन्हैया टेमरे, राहुल देव रामटेके, रितेश दीक्षित, लविंद्र साव, शशांक साहू, मनीष ठाकुर, सूर्यकांत बनवाले, कैलाश रामटेके, कमल देवांगन, शशिकला कठोलिया, चित्ररेखा वैष्णव, मन्जू शर्मा, रानी ऐश्वर्या, कैलाश रामटेके, गुलाब गांवरे, जयचंद पटेल, नरेश साहू शामिल थे.

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