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EXCLUSIVE : ओलंपिक की तैयारी में राजनांदगांव के ताइक्वांडो प्लेयर दीपांशु

राजनांदगांव के गायत्री स्कूल की 12वीं क्लास में पढ़ने वाले दीपांशु खोबरागड़े ने ओपन नेशनल ताइक्वांडो कॉम्पिटिशन में गोल्ड मेडल जीतकर शहर और प्रदेश का नाम रोशन किया है. अब दीपांशु ओलंपिक के लिए प्रैक्टिस कर रहा है.

दीपांशु खोबरागड़े.
दीपांशु खोबरागड़े.

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Published : Jan 16, 2020, 7:06 AM IST

राजनांदगांव: ओपन नेशनल ताइक्वांडो कॉम्पिटिशन में गोल्ड मेडल जीतने के बाद अब शहर के दीपांशु खोबरागड़े ओलंपिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने अभी से ही प्रैक्टिस शुरू कर दी है. दीपांशु का कहना है कि ओपन नेशनल ताइक्वांडो में गोल्ड मेडल लेने के बाद उनका हौसला बढ़ा है और अब उनकी नजरें ओलंपिक पर हैं

ओलंपिक की तैयारी में ताइक्वांडो प्लेयर दीपांशु

शहर के गायत्री स्कूल के 12वीं क्लास में पढ़ने वाले दीपांशु खोबरागड़े ने ओपन नेशनल ताइक्वांडो कॉम्पिटिशन में गोल्ड मेडल जीतकर शहर और प्रदेश का नाम रोशन किया है. दीपांशु ने इस कॉम्पिटिशन में 55 किलो वेट कैटिगरी में हिस्सा लिया था. कोलकाता में हुए इस ओपन नेशनल कॉम्पिटिशन से गोल्ड मेडल जीतने के बाद दीपांशु ओलंपिक के लिए काफी एक्साइटेड हैं.

ब्रूस ली से मिली प्रेरणा
दीपांशु का कहना है कि उन्होंने ब्रूस ली से प्रेरणा लेकर ताइक्वांडो जैसे स्पोर्ट को चुना और अब अपनी पढ़ाई के बीच समय निकालकर वे ताइक्वांडो के तगड़ी प्रैक्टिस कर रहे हैं. ताकि वे ओपन नेशनल की तरह ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल जीत सकें. दीपांशु का मानना है कि ताइक्वांडो शरीर के लिए बेहतर होने के साथ ही आत्मरक्षा के लिए कारगर होता है.

परिवार ने किया प्रोत्साहित
दीपांशु की मां अलका खोबरागड़े ने बताया कि बचपन से ही दीपांशु को मार्शल आर्ट में इंटरेस्ट रहा है. इसके चलते वह ताइक्वांडो में भी रुचि लेने लगा. इसे देखकर पूरे परिवार ने उसे ताइक्वांडों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.

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