राजनांदगांव: नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का हिस्सा रहे ठेकेदार वरुण जैन लंबे समय से पुलिस से बच कर भाग रहा था, लेकिन गुरुवार को राजनांदगांव पुलिस के सामने ठेकेदार वरुण जैन ने आत्मसमर्पण कर दिया. सीएसपी मणिशंकर चंद्रा ने कहा है कि वरुण जैन की गिरफ्तारी हुई है. कांकेर पुलिस ने फरार ठेकेदार वरुण जैन पर 10 हजार रूपये का इनाम घोषित किया था.
नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का हिस्सा रहने का आरोप ठेकेदार वरुण जैन पर लगा है. लंबे समय से फरार रहने के बाद गुरुवार को वरुण जैन ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सरेंडर किया है. वैसे इस मामले को लेकर पुलिस काफी समय तक जानकारी नहीं होने की बात कहती रही है, लेकिन देर शाम मीडिया में मामला आने के बाद पुलिस ने वरुण जैन की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी है.
नक्सलियों का किया था सहयोग
नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को कांकेर पुलिस ने राजनांदगांव में तीन बार कार्रवाई कर पूरी तरीके से ध्वस्त किया है. ठेकेदार वरुण जैन नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का बहुत बड़ा हिस्सा रहा था. लंबे समय से वनांचल में नक्सल प्रभावित इलाकों में वरुण जैन ने कई सरकारी कामों का टेंडर लिया. साथ ही नक्सलियों के साथ सांठगांठ कर नक्सल प्रभावित इलाकों में काम को भी अंजाम दिया. बताया जा रहा है कि वरुण जैन नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का महत्वपूर्ण सूत्र रहा है.
राजनांदगांव से वरुण जैन की गिरफ्तारी: सीएसपी मणिशंकर चंद्रा
सीएसपी मणिशंकर चंद्रा का कहना है कि राजनांदगांव से उसकी गिरफ्तारी की गई है, लेकिन कब कहां कैसे और किस तरीके से वरुण जैन की गिरफ्तारी की गई है. इस मामले में पुलिस की चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है. वहीं पुलिस छोटे-मोटे मामलों में पत्रकार वार्ता कर ऐसे मामलों की पूरी जानकारी मीडिया के सामने लाकर रखती है, लेकिन वरुण जैन के मामले में पुलिस ने गुपचुप तरीके से काम किया. यही कारण है कि वरुण जैन की गिरफ्तारी या आत्मसमर्पण को लेकर अब भी सवाल बरकरार है.
पुलिस तलाश कर रही थी
इस मामले में सीएसपी मणिशंकर चंद्रा का कहना है कि वरुण जैन ने आत्मसमर्पण नहीं किया है, उसकी गिरफ्तारी राजनांदगांव से की गई है. चंद्रा का कहना है कि कांकेर पुलिस से सूचना मिली थी कि वरुण जैन लंबे समय से फरार है. इस मामले में राजनांदगांव पुलिस वरुण की तलाश कर रही थी, जिसके बाद गुरूवार को वरुण जैन की राजनांदगांव से गिरफ्तारी हुई है.