राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों से लगातार प्रवासी मजदूर और लोगों का जमावड़ा लग रहा है. लगातार लोग बॉर्डर पर पहुंचकर छत्तीसगढ़ राज्य में प्रवेश करने के लिए गुहार लगा रहे हैं. सैकड़ों लोगों के पास महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे राज्यों की सरकारों से दी गई अनुमति भी है लेकिन उन्हें राज्य की सीमा में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. इसके कारण बॉर्डर पर लगातार लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है, ऐसी स्थिति में लोगों के पास न ही खाने की व्यवस्था है न पानी के पीने की.
प्रवासी मजदूर के भोजन पानी के लिए एसपी ने व्यापारियों से मांगी मदद - rajnandgaon migrant news
दिनों दिन बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों की संख्या बढ़ती जा रही है, ऐसे में मजदूरों के भोजन की व्यवस्था करना किसी चैलेंज से कम नहीं. राजनांगांव एसपी जितेंद्र शुक्ल ने भोजन की व्यवस्था के लिए व्यापारियों से मदद मांगी.
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खाना तो है घर कैसे जाएं ?
व्यापारियों के सहमति के बाद अब बॉर्डर पर फंसे लोगों को दो वक्त का भोजन और पीने मिलेगा , लेकिन घर जाने की समस्या वैसे की वैसी ही है. बॉर्डर पर रोके जाने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, इनमें कई ऐसे भी लोग हैं जो शारीरिक रूप से अक्षम है.
लोगों को घर तक पहुंचाने मांगा सहयोग
भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के नेता भावेश वैद्य ने बताया कि 'छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा में लगातार 10 से 20,000 तक लोग मौजूद हैं. इनके खाने-पीने और गंतव्य स्थान जाने तक के लिए बस की व्यवस्था की जानी है. इसके लिए व्यापारियों से सहयोग मांगा गया है और व्यापारियों ने इस पर सहमति दी है. फिलहाल एसपी जितेंद्र शुक्ल की पहल के चलते व्यापारियों का बड़ा सहयोग मिल रहा है और इससे बॉर्डर पर फंसे लोगों को बड़ी मदद मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है'.