राजनांदगांव:समर्थन मूल्य पर होने वाली धान खरीदी में इस बार भी बारदानों का संकट बना रहेगा. धान खरीदी के लिए मांग के अनुसार बारदानों की उपलब्धता अब तक नहीं हो पाई है. इसके चलते 1 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी पर संकट का साया मंडराने लगा है. अबतक जिले को मात्र 2 लाख 84 हजार बारदाने मिले हैं. जबकि 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. ऐसी स्थिति में बारदानों की कमी बनी रह सकती है और खरीदी शुरू होते ही यह संकट और गहराता जा सकता है.
60-40 के अनुपात में बारदाने की जरूरत
राजनांदगांव में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू की जाएगी. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने इस साल 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. खरीफ की फसल को लेकर के जिला सहकारी बैंक में अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है, लेकिन बारदानों की उपलब्धता को लेकर के लगातार सवाल उठ रहे हैं. 60-40 के अनुपात में बारदानों की जरूरत है, जबकि इसके मुकाबले मार्कफेड ने अबतक बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की है. यहीं कारण है कि धान खरीदी के दौरान किसानों को पूरे खरीदी के दौरान बारदानों की कमी का सामना करना पड़ेगा.
अबतक मिले महज 5700 गठान
राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से मिली जानकारी के अनुसार धान खरीदी के लिए जिले को अबतक मात्र 5700 गठान ही बारदाने मिल पाए हैं. पीडीएस बारदानों का संग्रहण नहीं होने से बारदानों की कमी बनी रह सकती है. इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि धान खरीदी के दौरान बारदानों का संकट किसानों को भारी नुकसान भी पहुंचा सकता है. राजनांदगांव जिले में 2020-21 के दौरान 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. ऐसी स्थिति में किसानों को हर दिन लाखों की संख्या में बारदाने की जरूरत पड़ेगी, जिसका फिलहाल पूरा होना असंभव सा लग रहा है.
पढ़ें: SPECIAL: 'आधी' हुई अन्नदाता की खुशी, मजबूरी में मंडी में बेच रहे धान