राजनांदगांव: कहते हैं कि पैसे से खुशियां नहीं खरीदी जा सकती, लेकिन ये भी सच है कि कभी-कभी पैसे की कमी खुशियां छीन लेती है. ऐसा ही कुछ हुआ है सागर के साथ, अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे सागर की राह में आर्थिक तंगी बाधा बन गई है. अति निम्न परिवार से आने वाले सागर ने अपने सपने पूरे करने के लिए कड़ी मेहनत की और जेईई मेंस की परीक्षा पास कर ली, लेकिन परिवार की तंग हालत के कारण उसके लिए इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेना मुश्किल हो रहा है.
जेईई मेंस के एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 10 हजार 998 हासिल करने वाला छात्र ऑल इंडिया में 10 हजार 998 रैंक हासिल किया
सागर कुमार ने रायपुर स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की है, यहां उसने मेरिट में जगह बनाई थी. इसके बाद जेईई मेंस के एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 10 हजार 998 हासिल किया. अब वह आईआईटी पटना के लिए सेलेक्ट हो चुका हैं, लेकिन एडमिशन लेना उसके लिए मुश्किल हो रहा है, क्योंकि फीस की रकम 1 लाख 30 हजार है. सागर के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है.
पेशे से किसान हैं पिता
सागर के पिता पेशे से किसान हैं. खेती-किसानी कर वे अपना परिवार पालते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास केवल आधा एकड़ जमीन है, इसी से पूरे परिवार का गुजरा होता है. सागर शुरू से ही मेधावी छात्र रहा है. प्रयास आवासीय विद्यालय में उसका प्रवेश करा दिया गया था, लेकिन अब इंजीनियरिंग कराने के लिए उनके पास पैसे नहीं है. परिवार पालने में भी उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
रिश्तेदारों से ली मदद
सागर ने ETV भारत से कहा कि उसकी दो बहनें हैं जो कि बीएससी की पढ़ाई कर रही हैं. तीन बच्चों का खर्च और उन्हें शिक्षा देने के लिए पिता को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. जेईई मेंस में सेलेक्ट होने के बाद एडमिशन के लिए 1 लाख 30 हजार की रकम की जरूरत है. इसके लिए सागर ने अपने रिश्तेदारों से मदद भी मांगी है और कुछ रकम जमा की है, लेकिन यह रकम एडमिशन के लिए पर्याप्त नहीं है.