छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

राजनांदगांव में ठेका पद्धति और कबाड़ सामान बेचने के विरोध में स्वच्छता दीदियों ने निकाली रैली

राजनांदगांव में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए ठेका पद्धति बंद करने और कबाड़ी सामान के रुपए गबन के मामले को लेकर स्वच्छता दीदीयों ने छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के बैनर तले शहर में रैली निकाली.

safai didi took out a rally
स्वच्छता दीदियों ने निकाली रैली

By

Published : Aug 26, 2021, 10:31 PM IST

राजनांदगांव: शहर के कचरा संग्रहण केंद्र यानी एसएलआरएम सेंटरों में कार्य करने वाली महिलाओं ने शहर में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के साथ रैली निकाली. इस रैली के माध्यम से उन्होंने नगर निगम के अधिकारी- कर्मचारियों पर कबाड़ के सामान से अर्जित रुपयों के गबन का आरोप लगाया. वहीं डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन को अब ठेका पद्धति से दिये जाने जाने का विरोध किया.

छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भीमराव बागडे़ ने कहा कि लगभग 400 से अधिक महिला और पुरुष कर्मचारी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का काम नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत करते हैं. लेकिन लगभग 4 वर्षों से कचरे से मिलने वाले कबाड़ के सामानों को नगर निगम द्वारा बेचा जा रहा है. जिससे इन 4 वर्षों में लगभग 1 करोड़ 60 लाख रूपये का कबाड़ बेचा गया है. वहीं कचरा कलेक्शन करने वाली महिलाओं को महज 8 लाख रूपये दिए गए हैं.

लगभग 1 माह पूर्व घरों व दुकानों से निकलने वाले इसी कबाड़ सामान को बेचने के मामले को लेकर डोर-टू- डोर कचरा कलेक्शन करने वाली स्वच्छता दीदियों ने नगर निगम के सामने प्रदर्शन किया था. इसके बाद कबाड़ का सामान महिलाओं को बेचने दिया गया. एक माह में ही शहर के जमात पारा सेंटर में ही लगभग 25-30 हजार रूपये के कबाड़ का सामान महिला द्वारा बेचा गया.

वहीं लगभग 16 सेंटरों में 20-25 हजार रूपये का कबाड़ समान प्रति माह बेचा जाता है. महिलाओं ने कहा कि नगर निगम के द्वारा लगभग 15 दिन पूर्व डोर-टू- डोर कचरा संग्रहण का कार्य ठेके पर दे दिया गया है और ठेकेदार ने जमातपारा सेंटर में ताला लगा दिया है. डोर -टू -डोर कचरा कलेक्शन करने वाली स्वच्छता दीदी लक्ष्मी खोबरागढे़ ने कहा कि ठेकेदार आयुष ठाकुर महिलाओं को हत्या किए जाने की धमकी भी देता है, महिला ने कहा कि ठेकेदार ने उन्हें अब तक 5 मर्डर करने की बात कही है और जरूरत पड़ने पर छह भी कर सकता हूं.

वहीं कबाड़ सामान बेचकर महिलाओं को अतिरिक्त आमदनी की बात भी कही गई थी लेकिन बीते 4 वर्षों में महिलाओं को 2 हजार रूपये ही दिया गया. अब ठेका पद्धति से इन महिलाओं को भय है कि ठेकेदार अपने मनमाफिक कर्मचारी रखेगा. अपनी रैली के माध्यम से महिलाओं ने कर्मचारी भविष्य निधि और बीमा का लाभ दिए जाने की मांग भी की है. वहीं ठेका प्रथा बंद करने को कहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details