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राजनांदगांव पुलिस पर 3 युवकों से मारपीट का आरोप, परिजनों ने कहा- CM से करेंगे शिकायत - राजनांदगांव

तीन युवकों के साथ कथित मारपीट के मामले में अब नया मोड़ सामने आया है. जहां एक तरफ पुलिस ने तीनों युवकों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.वहीं परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस उनके बच्चों को फंसा रही है. परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने पहले युवकों से पैसे मांगे फिर उनके साथ मारपीट की.

राजनांदगांव पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप

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Published : Jul 24, 2019, 12:59 PM IST

राजनांदगांव: कविता कॉम्प्लेक्स में तीन युवकों के साथ कथित मारपीट के मामले में अब नया मोड़ सामने आया है. जहां एक तरफ पुलिस ने तीनों युवकों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. गिरफ्तार युवकों के परिवारवालों ने पुलिस पर पैसा मांगने और मारपीट करने का आरोप लगाया है.

पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर भेजा जेल


पुलिस की कार्रवाई से नाराज युवक लकी साहू, भूपेंद्र और ऋषभ के परिजनों ने मोर्चा खोलते हुए मामले की शिकायत गृह मंत्री और मुख्यमंत्री से करने की बात कही है. युवकों के परिजनों का कहना है कि लकी साहू अपने दोस्त भूपेंद्र और ऋषभ के साथ पार्टी मनाकर लौट रहा था. तभी कविता कांप्लेक्स के पास गश्त पर निकली पुलिस की टीम ने उनसे पैसे मांगे. परिजनों का आरोप है कि पैसे न देने पर आरक्षक कमल किशोर यादव और एसआई मरकाम ने लकी साहू और उसके दोस्त भूपेंद्र और ऋषभ के साथ मारपीट की.


पहले मानी खुद की गलती, फिर युवकों को भेजा जेल

  • युवकों के परिजनों का कहना है कि पुलिस उनके बच्चों को झूठे केस में फंसा रही है. उन्होंने कहा कि युवकों को फंसाने के लिए पुलिस ने मनगढ़ंत कहानी बनाई है.
  • इसी बीच लकी साहू के पिता कमलेश साहू ने बताया कि घटना के बाद बसंतपुर थाना प्रभारी राजेश साहू ने उन्हें थाने में बुलाया और उसके बाद दोनों पक्षों से पूछताछ के बाद थाना प्रभारी राजेश साहू ने स्वीकार किया कि मामले में आरक्षकों की भी गलती है.
  • कमलेश साहू ने कहा कि पुलिस वालों की गलती मामने के बाद प्रभारी राजेश साहू ने युवकों को मामले में समझौता करने की बात कही, लेकिन अचानक सभी युवकों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया.

युवकों पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप
वहीं मामले में एएसपी यूबीएस चौहान का कहना है कि परिजनों के आरोपों की उन्हें जानकारी नहीं है. वहीं युवकों पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस दर्ज किया गया है. केस दर्ज होने के बाद युवकों को न्यायालय में पेश कर किया गया था, जहां सभी को न्यायिक रिमांड पर लिया गया है.

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