राजनांदगांव: नगर निगम में 7 माह बाद वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया गया. बजट में पिछले कई सालों से अधूरी पड़ी योजनाओं को जस का तस रखा गया है. लेकिन नए योजना के क्रियान्वयन के लिए बजट का प्रावधान करते हुए नगर निगम की महापौर हेमा देशमुख ने एक बार फिर शहर को गड़बो नवा राजनांदगांव का सपना दिखाया है. हालांकि उनके चुनावी कई वादों इस बजट में कोई स्थान नहीं मिला है. बजट पेश होने के बाद ऐसे ही मुद्दों के चलते महापौर हेमा देशमुख भाजपा पार्षदों के निशाने पर हैं.
महापौर हेमा देशमुख ने अपने कार्यकाल का प्रथम बजट पेश किया. बजट में 55 लाख 58 हजार रुपए का घाटा दिखाया जा रहा है. वहीं विकास कार्यों को लेकर के नगर निगम के आय बढ़ाने की योजना पर फोकस करते हुए बजट तैयार किया गया है. हालांकि पिछली कई योजनाएं अब तक अधूरी पड़ी है. जिसे लेकर के नगर निगम के पास बजट प्रावधान ही नहीं है. इसके अलावा नगर निगम में 7 माह बाद बजट पेश किए जाने को लेकर के भी सवाल उठ रहे हैं. माना जा रहा है कि नगर निगम में बिना बजट के पिछले 7 माह तक मनमाना खर्च किया गया है. इसके बाद अब वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 55 लाख 58 हजार रुपए के घाटे का बजट पेश किया गया है.
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बजट में क्या मिला शहर को
गोधन न्याय योजना के तहत नगर निगम काम करने की तैयारी में है. इसके लिए बजट में 1 करोड़ का प्रावधान रखा गया है. वृक्षारोपण और शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए 1 करोड़ का रुपए का प्रावधान किया गया है. पौनी-पसारी योजना के लिए 1.7 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है. सौर ऊर्जा की स्थापना, स्वर्ग रथ, एटीएम मशीन, खेल एवं साहित्य पुस्तक सहित पार्क के लिए बजट में प्रावधान किया गया है. इसके अलावा गढ़ कलेवा, प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्रशिक्षण, अंडर ब्रिज निर्माण, सिग्नल पर सेट निर्माण, कुएं और नालियों के संधारण के लिए बजट में प्रावधान किया गया है.
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