राजनांदगांव: प्रदेश में रविवार से बसों के थमे पहिए फिर से चलने लगेंगे. सरकार के सामने बस संचालकों ने जो मांगे रखी थी वो मान ली गई हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान जो ताला बस स्टैंड पर लटका उसने बस मालिकों को बेहाल कर दिया है. न तो वे लोन की किस्त पटा पा रहे हैं और न ही ड्राइवर, मुंशी और हेल्पर को वेतन दे पा रहे हैं. यात्री बसों में काम करने वालों के सामने दो वक्त की रोटी जुटाने की मुसीबत खड़ी हो गई. उम्मीद है कि बस संचालन शुरू होने के बाद कुछ स्थिति सुधरे.
केंद्र सरकार ने धीरे-धीरे देश को अनलॉक करने की प्रक्रिया में तेजी ला दी है. इसी तारतम्य में राज्य शासन ने भी यात्री बसों के संचालन को लेकर 3 माह की मासिक कर में यात्री बस संचालकों को छूट दे दी. और फिर बाकी मांगे भी मान ली.
संचालकों के सर पर लोन
इस दौरान डीजल की कीमतों में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हुई. यात्री बस संचालकों की मानें तो डीजल के दाम 15 दिनों में काफी बढ़ चुके हैं. वहीं यात्री बस के लिए गए लोन की किस्त भी सिर पर है इसलिए उन्हें आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है. अभी संचालन शुरू होने के बाद भी लोग डर की वजह से कम यात्रा करेंगे, ऐसे में पहली जैसी स्थिति नहीं आ पाएगी.
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