राजनांदगांव: कांग्रेस सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में शराबबंदी को लेकर किए गए वादे पर राज्य की भूपेश सरकार आज भी कायम है. छत्तीसगढ़ राज्य में शराबबंदी करने के लिए भूपेश सरकार ने कमेटी का गठन किया है. कमेटी में दो भाजपा के सदस्य शामिल होने हैं. सरकार ने भाजपा से 2 नाम सदस्य के लिए मांगे थे, लेकिन अब तक छत्तीसगढ़ भाजपा ने 2 सदस्यों के नाम ही नहीं दिए. जनता के सामने शराबबंदी को लेकर लगातार भूपेश सरकार पर आरोप लगाती आ रही है. जबकि शराब बंदी लागू करने के लिए खुद भाजपा पीछे हट रही है.
बड़ा आरोप: 'शराबबंदी कमेटी से BJP ने बनाई दूरी, इसलिए शराबबंदी में देरी'
छत्तीसगढ़ में शराबबंदी मामले में संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के लिए जो समिति बनाई गई है, उसके लिए बीजेपी आज तक सदस्य नहीं दे पाई है. इसलिए शराबबंदी में देरी हो रही है. शिशुपाल शोरी ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
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संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी ने छत्तीसगढ़ भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है. कहा कि भाजपा सदस्यों का नाम नहीं देकर खुद कमेटी को पूरा होने नहीं दे रही है. इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा राज्य में शराबबंदी किए जाने के पक्ष में नहीं है. संसदीय सचिव ने पत्रकार वार्ता के दौरान यह बयान देकर सियासी हलकों में खलबली मचा दी है. उन्होंने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि शराबबंदी को भाजपा ने अटकाकर रखा है. 15 साल सरकार में रहते हुए शराबबंदी भाजपा नहीं कर पाई. जब कांग्रेस सरकार इसे करना चाहती है, तो दो सदस्यों का नाम तक नहीं दे पा रही है. राज्य सरकार ने शराबबंदी को लेकर के कमेटी बनाई है. इसके लिए दो भाजपा सदस्यों के नाम मांगे गए हैं.
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सवालों के घेरे में आई भाजपा
छत्तीसगढ़ भाजपा राज्य में शराब बंदी लागू किए जाने को लेकर कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते आ रही है. भाजपा का कहना है कि गंगाजल हाथ में लेकर कसम खाने वाले कांग्रेस के लोग आज तक राज्य में शराब बंदी लागू नहीं कर पाए. इसके बाद अब संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी का बयान आने के बाद छत्तीसगढ़ में भाजपा शराबबंदी के मुद्दे पर घिरती जा रही है. संसदीय सचिव के बयान आने के बाद कमेटी के लिए सदस्यों में भाजपा सदस्यों का ना होना एक तरीके से सवालों को जन्म दे रहा है.
85 ब्लॉक में शराबबंदी पर विचार
उनका कहना है कि राज्य के 85 ब्लॉकों में शराबबंदी किया जाना संभव नहीं है. जो जनजाति वहां निवास करती हैं, वहां के कल्चर में शराब का बड़ा महत्व है. ऐसी स्थिति में एकाएक वहां पर शराबबंदी करना संभव नहीं है. सरकार इसलिए कमेटी बनाकर अधिसूचित क्षेत्रों में शराबबंदी किस तरीके से की जानी है. इस विषय पर विचार करेगी.
सियासी गलियारों में खलबली
संसदीय सचिव के इस आरोप के बाद अब तक भाजपा की ओर से कोई भी बयान जारी नहीं हुआ है. माना जा रहा है कि संसदीय सचिव के बयान से सियासी गलियारों में खलबली मच गई है. अब तक भाजपा कांग्रेस सरकार को शराबबंदी के मुद्दे पर लगातार घेरते आ रही है. ऐसी स्थिति में कमेटी में भाजपा सदस्यों का ना होने की बात कहकर बड़ा खुलासा कर दिया है. भाजपा ने शराबबंदी के मुद्दे पर बयान बाजी को खोखला भी बता दिया है.