राजनांदगांव: जिले में ADB (एशियन विकास बैंक) की ओर से बनाई जा रही सड़कों की मॉनिटरिंग की कमी के चलते लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रहीं हैं. हालात ये हैं कि करोड़ों की लागत से बनने वाली सड़कों को ठेकेदारों के भरोसे ही छोड़ दिया गया है. जिम्मेदार अधिकारी न तो फील्ड में दिखाई दे रहे हैं और न ही अपने दफ्तरों में.
झांकने तक नहीं जाते अधिकारी
81 करोड़ की लागत से ADB अलग-अलग सड़कों का निर्माण कर रहा है, लेकिन इन सड़कों में लगातार पर्यावरण मंडल की स्वीकृति और रॉयल्टी को लेकर शिकायतें आ रहीं हैं. कई शिकायतों के बाद भी अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
लोकल ठेकेदार को 16 करोड़ की सड़क का टेंडर
डोंगरगढ़ ब्लॉक के मक्का टोला, रामाटोला से लेकर भीतरी मार्गों में एडीबी की तरफ से सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. इसमें राजनांदगांव के ही ठेकेदार को काम दिया गया है. लेकिन ठेकेदार पर मनमानी करने का आरोप लगाया जा रहा है.
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मुरूम की अवैध खपत
राजनगांदगांव जिले के भरदाखुर्द और मुड़ीपार होते हुए करीब 27 किलोमीटर सड़क बनाई जा रही है. सड़क निर्माण और चौड़ीकरण के नाम पर अवैध रूप से मुरुम की खपत हो रही है. सड़क के दोनों ओर सरकारी से लेकर प्राइवेट जमीन से मुरूम निकाला जा रहा है. बिना रॉयल्टी के इसे खपाए जाने का आरोप है. ठेकेदार के पास कोई एनओसी तक नहीं है, जबकि सड़क निर्माण के लिए ADB की सबसे अहम शर्तों में किसी भी चीज की स्वीकृति लेना जरूरी है. लेकिन ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं. क्योंकि अधिकारी फील्ड में देखने नहीं जाते. लिहाजा ठेकेदार फायदा उठा रहे हैं.
ADB प्रभारी की अपनी ही दलील
ADB के प्रभारी अधिकारी उबेर अहमद फारुख का कहना है कि सड़क निर्माण कार्य में नियम और शर्तों के तहत ठेकेदारों को काम दिया जा रहा है. अबतक लिखित में कोई भी शिकायत नहीं आई है. कोई शिकायत आती है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल सड़क निर्माण कार्य में समय-समय पर जांच की जा रही है.