राजनांदगांव:नक्सल हिंसा से पीड़ित परिवारों ने एक बार फिर जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कई बार आवेदन-निवेदन के बाद भी नक्सल हिंसा से पीड़ित परिवारों को छत्तीसगढ़ नक्सल हिंसा पीड़ित पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिल पाई है. जिला पंचायत की लापरवाही के चलते अब तक पीड़ित परिवार के सदस्यों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बात से आक्रोशित परिवार के सदस्यों ने सोमवार को कलेक्टोरेट का घेराव करते हुए प्रशासन से पिछले 10 साल से लगातार हो रहे नुकसान की भरपाई की मांग रखी है.
राजनांदगांव: नक्सल हिंसा पीड़ितों को 10 साल बाद भी नहीं मिली मदद, किया कलेक्ट्रेट का घेराव
नक्सल हिंसा से पीड़ित तकरीबन 25 परिवार के सदस्यों ने कलेक्टोरेट का घेराव किया. परिवार के सदस्यों की मांग है कि पिछले 10 साल से जिला प्रशासन ने उन्हें छत्तीसगढ़ पुनर्वास नीति के तहत दी जाने वाली सुविधाओं में कोताही बरती है.
दाने-दाने को मोहताज है परिवार
नक्सल हिंसा से पीड़ित परिवार के सदस्य दाने-दाने को मोहताज हैं. पिछले 10 से 15 सालों में उनकी स्थिति काफी खराब हुई है. इसके चलते हुए कर्ज से लग चुके हैं और उनकी हालत खस्ता हो चुकी है. बावजूद इसके जिला प्रशासन के अफसरों ने पीड़ित परिवार के सदस्यों को बड़ी राहत देने में काफी कोताही बरती है, जो जांच का भी विषय है. नक्सल हिंसा से पीड़ित परिवार के सदस्य धीरेंद्र कुमार का कहना है कि 'जब तक जिला प्रशासन के अफसर पीड़ित परिवारों को 10 साल में हुई आर्थिक क्षति की भरपाई नहीं करेंगे तब तक वे शासन-प्रशासन के सामने विरोध प्रकट करते रहेंगे'.