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कोरोना का असर: महाअष्टमी हवन और ज्योति विसर्जन में सिर्फ सदस्य रहेंगे उपस्थित, कन्या भोजन भी स्थगित - Rajnandgaon latest news

कोरोना के कारण बर्फानी सेवाश्रम समिति ने शारदीय नवरात्रि पर्व को सादगी से मनाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत इस साल महाष्टमी हवन और ज्योति विसर्जन में सिर्फ समिति के सदस्य ही उपस्थित रह सकेंगे. जबकि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस बार कन्या भोजन को भी स्थगित कर दिया गया है.

Navratri 2020 affected due to corona Pandemic in Rajnandgaon
नवरात्रि पर्व पर कोरोना का असर

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Published : Oct 22, 2020, 3:33 PM IST

राजनांदगांव:कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बर्फानी सेवाश्रम समिति ने शारदीय नवरात्रि पर्व को सादगी से मनाने का निर्णय लिया था, जिसके तहत संस्था ने सिद्धपीठ में दर्शनार्थियों से शासन और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है. अब महाष्टमी हवन और ज्योति कलश विसर्जन भी सिर्फ आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा किया जाएगा. श्रद्धालुओं से घर पर ही पूजा पाठ करने की अपील की गई है.

संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू ने बताया कि संस्था द्वारा संचालित गर्भगृह में विराजमान मां पाताल भैरवी, राज राजेश्वरी, त्रिपुर सुंदरी, दश महाविद्या, द्वादश ज्योर्तिलिंग और शिव-शक्ति सिद्धपीठ में शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हो गई है. देश में फैले कोरोना की वजह से इस महामारी से बचाव के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर जनहानि से बचाने समय-समय पर दिशा-निर्देश और आदेश जारी किए जा रहे हैं और आमजन से इसका पालन करने की अपील की गई है. जिसे देखते हुए संस्था ने सिद्धपीठ परिसर में श्रद्धालुओं को दिशा-निदेर्शों का पालन करने का आग्रह किया है.

इन मंदिरों में किया जाएगा विशेष श्रृंगार

शारदीय नवरात्र के अवसर पर सिद्धपीठ में पूजा-अर्चना, ज्योति कलश प्रज्जवलन सदस्यों और आचार्यों द्वारा किया गया है. यहां 1575 ज्योति कलश प्रज्जवलित है. 21 अक्टूबर को पंचमी के अवसर पर विशालकाय मां पाताल भैरवी, मां काली, गणेश जी महाराज, मां राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या, पातालेश्वर महादेव, शिव शंकर भोले भण्डारी द्वादश ज्योतिर्लिंग, हनुमान जी महाराज, भैरव बाबा का विशेष श्रृंगार किया गया.

कोरोना संकट को जल्द खत्म करने की कामना

संस्था के अध्यक्ष राजेश मारू, उपाध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू, कोषाध्यक्ष नीलम जैन, महेन्द्र लूनिया, महंत गोविंद दास, कुलबीर छाबड़ा, सूरज जोशी, कमलेश सिमनकर, आलोक जोशी, संतोष खंडेलवाल, आलोक बिंदल, लीलाधर सिंह और अन्य सदस्यों ने निर्णय लिया है कि महाष्टमी हवन और ज्योति कलश विसर्जन पर बर्फानी आश्रम के सदस्यों के द्वारा महाअष्टमी हवन और ज्योति कलश विसर्जन किया जाएगा. इस आयोजन में श्रद्धालुओं की सहभागिता नहीं होगी. महाअष्टमी हवन में कोरोना संकट को जल्द खत्म करने की माता और देवी देवताओं से कामना की जाएगी.

विधि विधान से गंगाजल किया जाएगा अर्पित

दुर्गा नवमीं के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा प्रज्जवलित ज्योति कलशों का विसर्जन मंत्रोच्चार के मध्य विधि विधान से गंगाजल अर्पित किया जाएगा. इसके लिए भी बर्फानी आश्रम नहीं पहुंचने की अपील श्रद्धालु से की गई है. समिति के सदस्यों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने परिवार और दूसरे लोगों की सलामती के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करें. संस्था ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए दुर्गा नवमीं में होने वाले कुंवारी कन्या भोजन और सार्वजनिक भंडारा प्रसाद कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया है. साथ ही श्रद्धालुओं को विश्वास दिलाया है कि वे समस्त देशवासी कोरोना को हराकर देश को स्वस्थ और सुरक्षित रखने में अपना योगदान देंगे.

शरद पूर्णिमा पर नहीं बंटेगी जड़ी बुटी युक्त खीर प्रसाद

संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू ने बताया कि मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ में पिछले 21 सालों से आयोजित किए जाने वाले शरद पूर्णिमा महोत्सव पर इस बार 30 अक्टूबर को दमा और अस्थमा पीड़ितों को जड़ी-बुटी युक्त खीर के प्रसाद का वितरण नहीं किया जाएगा. साथ ही अपील की है कि इसके लिए कोई भी पीड़ितजन बर्फानी आश्रम न पहुंचे.

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