राजनांदगांव: छुईखदान विकासखंड के वनक्षेत्र में मनरेगा के तहत बेंगरी गांव में पी-15 वन भूमि के पांच हेक्टेयर पर चारागाह विकसित किया गया है. पूरे रकबे में नेपियर घास लगाई गई है. वन विभाग के जरिए चारागाह की देख-रेख की जाती है. इस चारागाह से बेंगरी गांव की महिला स्व-सहायता समूह को जोड़ा गया है. चारागाह के विकसित होने के बाद इन महिलाओं के लिए रोजगार का साधन बनेगा. वहीं स्व-सहायता समूह चारागाह से एक बार घास काटा जा चुका है. स्व-सहायता समूह द्वारा घास को मशीन से छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर डेयरी व्यवसाइयों को बेचने का काम भी कर सकती है. इससे महिलाओं की आय बढ़ेगी.
बेंगरी गांव में बनाए गए गौठान के संचालन के लिए गौठान समिति और चारागाह के लिए समिति बनाई गई है. शनिवार को कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने इस चारागाह का निरीक्षण किया. इस दौरान कलेक्टर ने मुनगा और सहायक कलेक्टर ललितादित्य नीलम ने करंज का पौधा लगाया. कलेक्टर ने अधिकारियों से चर्चा करते हुए चारागाह को और सही ढंग से विकसित करने निर्देश दिए.
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मानपुर पहाड़ी गांव के गौठान का निरीक्षण
कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ मानपुर पहाड़ी गांव में बनाए गए गौठान का भी निरीक्षण किया. उन्होंने गौठान के रख-रखाव पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को सही तरीके से गौठान का संचालन करने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने कहा कि गौठान समिति को और अधिक सक्रिय किया जाना चाहिए, ताकि गौठान का उचित ढंग से संचालन हो सके. कलेक्टर ने गौठान में सोलर पंप के जरिए पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने की व्यवस्था पर भी असंतोष व्यक्त किया और कृषि विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
गौठान में वर्मी बेड लगा
गौठान में वर्मी बेड लगा दिए गए हैं, लेकिन खाद बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है. राज्य सरकार गौठानों को आजीविका संवर्धन का साधन बनाना चाहती है. नरवा गरुवा घुरवा और बाड़ी योजना के तहत पशुओं की नस्ल सुधार पर भी ध्यान दिया जाना है.