जीपीएम:छत्तीसगढ़ को रामजी का ननिहाल माना जाता है. रामजी के ननिहाल से मेहुल नाम का युवक उल्टे पांव पदयात्रा कर रामजी के दर्शनों के लिए निकला है. डोंगरगढ़ के रहने वाले मेहुल का मानना है कि लोग पूरी जिंदगी चलते सीधे हैं और काम उल्टे करते हैं. लिहाजा वो समाज को संदेश देना चाहता है कि जिंदगी में इंसान को सीधे काम करने चाहिए. मेहुल को पहले उम्मीद थी कि वो 22 जनवरी तक अयोध्या पहुंच जाएंगे. रास्ते में आ रही दिक्कतों की वजह से अब उनको ज्यादा वक्त लगने की उम्मीद है. मेहुल जहां उल्टे पांव पैदल चल रहा है वहीं उसकी मां ई रिक्शा से अयोध्या तक का सफर तय करने वाली हैं. मां और बेटा दोनों एक साथ सफर पर निकले हैं.
भगवान राम जी के दर्शन के लिए उल्टे पांव पदयात्रा कर रहे डोंगरगढ़ के मेहुल लखानी - भगवान राम जी के दर्शन
Mehul Lakhani राजनांदगांव के रहने वाले मेहुल लखानी डोंगरगढ़ से अयोध्या दर्शन के लिए निकले हैं. मां के साथ अयोध्या के लिए निकले मेहुल सीधी पदयात्रा नहीं कर उलटी पदयात्रा से रामजी के दर्शन करना चाहते हैं, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह ? reverse padyatra for Ram darshan
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jan 15, 2024, 6:05 PM IST
|Updated : Jan 15, 2024, 10:29 PM IST
सीएम ने दिया मेहुल को आशीर्वाद: यात्रा के दौरान मेहुल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से भी मुलाकात की. सीएम साय ने मेहुल को आशीर्वाद देते हुए कहा कि विर्विघ्न रुप से अयोध्या जाकर पूरी हो जाएगी. सीएम से मुलाकात के बाद मेहुल बिलासपुर के रास्ते आगे की ओर बढ़ चले हैं. मेहुल जहां कहीं से भी गुजरते हैं लोग उनके स्वागत में खड़े हो जाते हैं. मेहुल कहते हैं कि जो प्रेम और सम्मान रास्ते में लोगों से मिल रहा है उससे उनकी यात्रा का कष्ट दूर हो जा रहा है.
मां को कराना चाहते हैं चार धामों के दर्शन: मेहुल की इच्छा है कि रामजी के दर्शनों के बाद वो मां को 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कराकर चार धामों के भी दर्शन कराएं. मेहुल कहते हैं कि अभी तक वो तीन सौ किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुके हैं. गांव शहर और जंगल के रास्ते में सफर करने के दौरान सावधानी रखनी पड़ती है. मेहुल के मुताबिक जिस दिन रामजी चाहेंगे उस दिन वो अयोध्या पहुंच जाएंगे. राम मंदिर के निर्माण से मेहुल और उनकी मां दोनों काफी खुश हैं. उनका कहना कि रामजी के आशीर्वाद से देश और पूरा छत्तीसगढ़ समृद्ध होगा.