राजनांदगांव :बुनियादी सुविधाएं मिलना हर किसी का अधिकार है. कहने को तो प्रदेश सरकार शिक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए सरकारी कोश से खर्च कर रही है, लेकिन जिले में कई ऐसे कॉलेज भी हैं, जहां छात्रों के लिए बैठने तक की व्यवस्था नहीं है. हम बात कर रहे है जिले के छुरिया ब्लॉक में मौजूद रानी सूर्यमुखी देवी महाविद्यालय की. यहां के छात्रों ने प्रशासन की बेरुखी से तंग आकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट का घेराव कर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है.
परेशान छात्रों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव कॉलेज के छात्रों का कहना है कि महाविद्यालय में न तो बैठने के लिए कुर्सियां हैं और न ही दूसरी सुविधाएं. कॉलेज में हो रही परेशानियों से तंग आकर छात्रों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट का घेराव करने के साथ ही प्रदर्शन करने के साथ ही उन्हें कॉलेज में हो रही समस्याओं का जल्द निपटारा करने की बात कही है.
छात्रों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो, वो उग्र आंदोलन करेंगे. छात्र अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन ने उनकी मांगों पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है.
छात्रों को ये है परेशानी-
- महाविद्यालय में फर्नीचर न होने की वजह से जमीन में बैठना पड़ता है.
- कॉलेज में न तो बाउंड्री वाल की सुविधा है और ना ही पार्किंग की.
- आरोप है कि प्रिंसिपल छात्रों से दुर्व्यवहार भी करते हैं.
- जब छात्र प्रचारक को महाविद्यालय की समस्याओं के संबंध में कोई भी जानकारी देते हैं तो उन्हें डांट डपट कर चुप करा दिया जाता है.
- महाविद्यालय में 2 बोर होने के बाद भी छात्रों को आस-पास जाकर पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ती है.
- महाविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्स भी उपलब्ध नहीं हैं.
- पिछले 3 साल से जनभागीदारी अध्यक्ष ने कॉलेज की एक भी मीटिंग नहीं ली है.
- कॉलेज में शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है.
छात्र सुखेंद्र साहू ने बताया कि 'कॉलेज में प्राचार्य को समस्याओं से अवगत कराने पर वे प्रताड़ित करते हैं कॉलेज में शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है, इसके बावजूद उन्हें अवगत कराने के बाद भी समस्या का समाधान करने की दिशा में वे पहल नहीं करते हैं और इस बात को लेकर छात्रों में आक्रोश है.
- शिक्षकों की कमी
- महाविद्यालय की छात्रा का कहना है कि वह लगभग 10:00 बजे कॉलेज पहुंच जाती हैं लेकिन 12:00 बजे से पहले शिक्षक कॉलेज नहीं आते हैं, जिसकी वजह से पढ़ाई प्रभावित होती है.
- विज्ञान संकाय में शिक्षकों की भारी कमी है. विज्ञान संकाय के शिक्षक नहीं होने को लेकर जब प्रचार से शिकायत की जाती है तो वह बीकॉम में एडमिशन लेने की बात कह देते हैं.
- इसके अलावा कॉलेज में कर्मचारी भी नहीं है इसलिए वे कक्षा में कुर्सी टेबल जमाने तक का काम भी छात्र करते हैं.
सड़क पर उतरकर करेंगे विरोध
इस मामले में छात्र नेता ऋषि शास्त्री का कहना है कि '3 साल पहले प्रशासन को ज्ञापन देकर कॉलेज की समस्याओं से अवगत कराया गया था, लेकिन अब तक के इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसकी वजह से छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अगर समय रहते प्रशासन इस व्यवस्था को नहीं सुधारते तो वे सड़क की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होंगे.