राजनांदगांव: अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण की तिथि अब जल्द ही घोषित होने वाली है. रामनवमी या प्रतिप्रदा को जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण प्रांरभ होने की उम्मीद है. इसके लिए भारत सरकार ने ट्रस्ट का गठन पिछले दिनों कर दिया है. संत समाज एक होकर इस सपने को पूरा करने में जुटे हैं. यह संदेश नगर के साकेत धाम परिषद में आयोजित श्रीमद देवी भागवत महापुराण में कथामृत ज्ञान यज्ञ में कनिष्ठ शंकराचार्य जगतगुरू स्वामी आत्मानंद सरस्वती ज्योतिषपीठ काशी ने दिया है.
'CAA किसी को देश से बाहर करने के लिए नहीं है'
स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने बताया कि 'वे अक्सर छत्तीसगढ़ आते रहते हैं और छत्तीसगढ़ मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का ननिहाल और माता कौशिल्या की जन्मभूमि है और ऐसे स्थान पर जो संत नहीं पहुंच पाए हैं, उनका संतत्व अधूरा है. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने राम मंदिर, सीएए और पाठ्यक्रम में गीता शामिल किए जाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक पर कहा कि 'सीएए का विरोध राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है. भारत में किसी भी मुसलमान, हिन्दू, इसाई या बौद्ध को देश से निकालने या उसे प्रताडि़त करने का कोई साजिश नहीं है'.
'राजनीतिक फायदे के लिए हो रहा CAA का विरोध'
उन्होने कहा कि 'राजनीतिक फायदे के लिए देश में कुछ लोग अराजकता की स्थिति पैदा कर रहे हैं, जिसका उदाहरण है शाहीन बाग'. उन्होंने कहा कि 'शाहीन बाग भारत की भूमि है, वह हमारे देश का हृदय स्थल है और वहां जो कुछ भी हो रहा है वह गलत है'. उन्होंने बताया कि 'उन्होंने खुद ही छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश सरकार को इस बारे पत्र लिखकर उन्हें साधुवाद दिया है और उन्होंने इस काम में हर संभव मदद के लिए कहा है'.