राजनांदगांव/डोंगरगांव: आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या इन दिनों नगरवासियों के लिए चिंता का विषय है. इसे लेकर स्थानीय प्रशासन और नगर पंचायत जानकर भी अंजान बनी हुई है. वहीं पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग को स्थानीय निकाय से पत्राचार की दरकार है. संबंधित विभागों के द्वारा इस पर रोकथाम की कार्रवाई अब तक नहीं की गई है. नतीजा यह है कि साल-दर-साल शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ रही है.
वहीं शहर के भीतरी इलाकों और आउटर में मांस विक्रय के दुकानों के अवशिष्ट को फेंके जाने से इन कुत्तों की प्रवृत्ति और भी ज्यादा हिंसक हो गई है. बता दें कि शहर में आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए विशेष रूप से कुत्तों के बधियाकरण और मांस विक्रय दुकानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन की जिम्मेदारी स्थानीय निकाय की है. लेकिन अब तक इस दिशा में निकाय ने सोचा भी नहीं है.