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World Television Day: रोचक है TV का इतिहास, अब भी लोगों की जुबां पर है रामायण और चंद्रकांता - वर्ल्ड टेलीविजन डे

आज 21 नवंबर है और पूरा विश्व इस दिन को ‘वर्ल्ड टेलीविजन डे’ (World Television Day) के रूप में मना रहा है. आइए जानते हैं क्या है आखिर इस टेलीविजन का इतिहास.

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Published : Nov 21, 2019, 9:03 PM IST

रायपुर: 21 नवंबर को वर्ल्ड टेलीविजन डे के रूप में मनाया जाता है. छोटा परदा यानी टीवी (टेलीविजन) का सफर भले ही सालों पुराना हो, लेकिन आज ये हमार जीवन का अहम हिस्सा है. आज भले ही ये बहुत ज्यादा लोकप्रिय है पर क्या आप इसके पीछे की कहानी और इतिहास जानते हैं, तो आइए जानते हैं कैसे ये डिब्बा आज हमारे जीवन से जुड़ गया है.

वर्ल्ड टेलीविजन डे
  • भारत में पहला प्रसारण दिल्ली में 15 सितंबर 1959 में प्रायोगिक तौर पर शुरू किया गया. इसमें हफ्ते में सिर्फ तीन दिन कार्यक्रम आते थे. वह भी सिर्फ 30-30 मिनट के लिए, लेकिन शुरू से ही यह लोगों का मनोरंजन और ज्ञानवर्द्धन करने लगा. जल्द ही यह लोगों की आदत का हिस्सा बन गया.
  • करीब 6 साल बाद 1965 में इसका रोजाना प्रसारण शुरू किया गया. इसमें यूनेस्को ने भारत की बड़ी मदद की. इसके बाद रोजाना समाचार बुलेटिन प्रसारित होने लगा. शुरू में इसका नाम टेलिविजन इंडिया हुआ करता था, 1975 में इसका नाम बदलकर दूरदर्शन रखा गया. शुरू में इसे सिर्फ 7 शहरों में दिखाया जाता था.
  • टीवी पर पहली बार कृषि दर्शन कार्यक्रम की शुरुआत 1966 में की गई. कृषि प्रधान देश होने के कारण इस कार्यक्रम को देश में जबरदस्त सफलता मिली. यह टीवी पर सबसे लंबे समय तक चलने वाला कार्यक्रम साबित हुआ.
  • इसकी शुरुआत भले ही धीमी रही, लेकिन जल्द ही छोटे परदे ने बुलंदी की नई इबारत लिखनी शुरू कर दी. 1980 के दशक में इसका प्रसारण देश के सभी शहरों में किया जाने लगा. 15 अगस्त 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भाषण के समय पहली बार इसका रंगीन प्रसारण शुरू किया गया.
  • रंगीन प्रसारण ने लोगों के जीवन में नई उमंग जगाई. टीवी के प्रति लोगों की दीवानगी बढ़ने लगी. बाजारों में भी रंगीन टीवी की बिक्री शुरू हो गई. 1982 में भारत में एशियाई खेलों की शुरुआत हुई. उसका प्रसारण रंगीन हुआ. इसके साथ ही टीवी ने लोगों को अपना दीवाना बना लिया.

दूरदर्शन की कई धारावाहिक आज भी हैं लोगों की पसंद और उनकी जुबान पर है.

  • बाइस्कोप
  • चित्रहार
  • हम लोग
  • रामायण
  • महाभारत
  • कसक
  • चंद्रकांता
  • शक्तिमान
  • सरस्वतीचंद्र
  • जंगल बुक
  • तहकीकात
  • विक्रम बेताल
  • अलिफ लैला
  • देख भाई देख

दूरदर्शन नेटवर्क

  • दूरदर्शन के राष्ट्रीय नेटवर्क में 64 दूरदर्शन केंद्र हैं
  • 202 उच्च शक्ति ट्रांसमीटर
  • 24 क्षेत्रीय समाचार एक
  • 351 अल्पशक्ति ट्रांसमीटर
  • 126 दूरदर्शन रखरखाव केंद्र
  • 828 लो पावर ट्रांसमीटर
  • 18 ट्रांसपोंडर
  • 30 चैनल और डीटीएच सेवा शामिल है

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