राजनांदगांव/डोंगरगांव: महादेव डोंगरी एक ऐसा स्थान हैं जहां साल भर में एक दिन दूर-दूर से वैद्य पहुंचते है और यहां मिलने वाली अमूल्य जड़ी-बूटियों को अपने साथ ले जाते है. यहां की मान्यता है कि पूरे वर्षभर में सिर्फ नागपंचमी के दिन ही वैध यहां से जड़ी-बूटी लेकर जा सकते है.
महादेव डोंगरी में जड़ी-बूटियों का खजाना महादेव डोंगरी में आयुर्वेदिक औषधियों का खजाना
महादेव डोंगरी में जड़ी-बूटियों का खजाना हम बात कर रहे हैं क्षेत्र के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल महादेव डोंगरी की. जहां भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद इन औषधियों के माध्यम से लोगों को मिलता है. बता दें कि महादेव खुद जितने रहस्यमय हैं उतना ही उनका धाम भी अद्भुत और अलौकिक चीजों से पटा पड़ा है. खासकर जीवनरक्षक औषधियां उनके सानिध्य में फल-फूल रही है. ऊपर पहाड़ी से हरे चादर की परत और तमाम प्रकार के फूल मानों स्वर्ग की अनुभूति कराते हो. ये अद्भुत नजारा सिर्फ बरसात के मौसम में ही दिखाई देता है.
दूर-दूर से पहंचते हैं वैद्य समुदाय
महादेव के सानिध्य में फल-फूल रहे औषधि के जानकार पूरा वैद्य समुदाय ऋषि पंचमी और नागपंचमी के अवसर पर पहुंचते हैं. जहां से वे कुछ विशेष औषधि एकत्रित कर पहले भगवान शंकर को समर्पित करते हैं और फिर इन्हे मरीजों और जरूरतमंदों को प्रसाद के रूप में देकर उनका इलाज करते हैं. यहां पहुंचने वाले वैद्य बताते है कि यहां रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, बुखार, हैजा, टीबी, सफेद दाग, खुजली, एलर्जी सहित सांप और बिच्छू के जहर को खत्म करने तक की औषधि उपलब्ध है. वैद्यों ने बताया कि महादेव पहाड़ी आयुर्वेद का खजाना है और हमारे प्रदेश में कई ऐसी पहाड़ियां है जहां कई असाध्य रोगों को ठीक करने की दवा उपलब्ध है. इनका कहना है कि इन आयुर्वेदिक दवाओं से अगर लाभ न हो तो कोई नुकसान भी नहीं होता है.
भोलेनाथ के सानिध्य में हैं औषधि का भण्डार
महादेव डोंगरी में जड़ी-बूटियों का खजाना वहां पहुंचे बैगा और जड़ी-बूटियों के जानकारों ने बताया कि इन औषधियों का उपयोग जानकारों की देख-रेख में करने पर ही फायदा होगा और प्रकृति को बेवजह नुकसान पहुंचाना दण्डदनीय अपराध की श्रेणी में आता है. इस पहाड़ी में महादेव ने अपने संरक्षण में सभी प्रकार के रोगियों के तकलीफ दूर करने की व्यवस्था की है, बस जरूरत है तो उन्हें पहचानने की. यहां केंवटी बेला, काली मुसली, चिरायता, अमलतास, गिंदोल लासा, छोटा और बड़ा कुर्रू, विधारा, काला कोरिया जैसी दुर्लभ औषधि है. वहीं इस पहाड़ी की तलहटी में कलिहारी (अग्निशिखा) जैसा नाम से ही प्रतीत होता है और इसका फूल अक्टूबर-नवंबर में खिलता है, तब पूरा जंगल ऐसा लगता है जैसे वहां आग लग गई हो.
महादेव डोंगरी की विशेष मान्यता
महादेव डोंगरी में जड़ी-बूटियों का खजाना महादेव डोंगरी आस-पास के गांवों सहित पूरे जिले में विशेष स्थान रखता है. यहां ग्रामीणों की मान्यता है कि घर में ही बाबा भोलेनाथ का स्मरण करने मात्र से ही उनकी समस्या दूर हो जाती है. इस बात का प्रमाण पूरा गांव देता है. मंदिर के पुजारी नेमूचंद पटेल, ग्राम पमुख गोकुलराम साहू और वन समिति के अध्यक्ष चंद्रकुमार साहू ने बताया कि यहां लोगों की मान्यता पूरी होती है. इसलिए लोग ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित कराते हैं. यहां मां शीतला और भगवान शिव की कृपा ग्रामीणों व भक्तों पर हमेशा रहती है. वहीं दूसरी ओर तिलईरवार से महादेव के दर्शन के लिए सीढ़ियों से पहाड़ी पर पहुंचा जा सकता है.