राजनांदगांव: पश्चिमी विक्षोभ का असर सोमवार को अंचल सहित जिलेभर में देखने को मिला. सुबह शहर में जमकर बारिश हुई. जबकि रात में खैरागढ़, छुईखदान, घुमका और पटेवा एरिया में ओलावृष्टि भी हुई है. इससे पहले फरवरी की शुरुआत में हुई बारिश की मार झेलकर बढ़ी हो रही रबी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. अब कृषि विभाग को फिर से सर्वे कराना पड़ेगा.
फरवरी की शुरूआत में हुई बारिश ने किसानों को खूब रुलाया है. सात दिनों तक रुक-रुककर बारिश से रबी फसल काफी प्रभावित हुई है. खासतौर पर चने की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. यही वजह है कि किसान चने की खराब फसल लेकर प्रशासन के पास क्षतिपूर्ति की गुहार लगा रहे हैं.
कृषि विभाग के सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक
राजनांदगांव कृषि विभाग की सर्वे रिपोर्ट भी आ गई है, जिसमें खैरागढ़ और छुईखदान तहसील की करीब 26 हजार 785.25 हेक्टेयर की फसल को नुकसान हुआ है. जबकि चार तहसील राजनांदगांव, डोंगरगढ़, डोंगरगांव और छुरिया मिलाकर कुल चार हजार 295 हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुंचा है. यानी खैरागढ़ और छुईखदान तहसील में ही सबसे ज्यादा रबी फसल तबाह हुई है. कृषि विभाग ने सर्वे रिपोर्ट बीमा कंपनी को भेज दाी है. इसके बाद बीमा कंपनी मापदंड के तहत खराब फसलों की क्षतिपूर्ति किसानों को जारी होगी.
339 गांव प्रभावित
सर्वे रिपोर्ट की बात करें तो मोहला, मानपुर और अंबागढ़ चौकी को छोड़कर बाकी 6 तहसीलों के 339 गांवों में नुकसान पहुंचा है, जिसमें 30 हजार 479 किसानों के 31080.95 हेक्टेयर रबी की फसल तबाह हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान चने की फसल को हुआ है.
तहसीलवार सर्वे रिपोर्ट
- कृषि विभाग ने बेमौसम बारिश के बाद बर्बाद फसलों का सर्वे किया है.
- राजनांदगांव तहसील में 3734 किसानों के 2740.84 हेक्टेयर.
- डोंगरगांव तहसील में 245 किसानों के 395.85 हेक्टेयर.
- छुरिया तहसील में 324 किसानों के 288 हेक्टेयर.
- खैरागढ़ तहसील में 14114 किसानों के 13944.01 हेक्टेयर.
- डोंगरगढ़ तहसील में 826 किसानों के 871 हेक्टेयर.
- छुईखदान तहसील में 11236 किसानों के 12841.25 हेक्टेयर में खड़ी रबी फसल को नुकसान पहुंचा है.