राजनांदगांव :संस्कारधानी कहे जाने वाले राजनांदगांव में गोधन को बचाने के उद्देश्य से ग्रामीणों ने गोबर के गणपति बनाएं हैं. ये गणपति सिर्फ छत्तीसगढ़ या अन्य प्रदेश तक नहीं, बल्कि विदेशों में भी विराजेंगे. ग्राम पंचायत लिटिया के ग्रामीणों ने समूह बनाकर गोबर से गणपति की प्रतिमा तैयार की है. इसे देश के अलग-अलग राज्यों में भेजा जा रहा है. कई ऑनलाइन साइट के जरिए भी इन गणेश प्रतिमाओं को विदेश में भी डिलीवर किया जा रहा है.
गांव के महिला समूह पंचगव्य केंद्र की सहायता से इसे तैयार किया जा रहा है. पंचगव्य संस्थान केंद्र प्रमुख प्रमोद आर्य ने बताया कि गांव में पंचगव्य केंद्र की स्थापना की गई है, जहां पर गोधन को बचाने के लिए गोबर से बने उत्पादों को बनाया जाता है और उसे खुले बाजार में बेचा जाता है. इस बार गोबर से गणेश प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है. इसे सप्लायर ऑनलाइन साइट्स के जरिए विदेशों में भी पहुंचा रहे हैं. उन्होंने बताया कि गांव की महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए उन्हें इस व्यवसाय से जोड़ा जा रहा है, ताकि वे आर्थिक रूप से सक्षम हो सके. साथ ही उनका आय का जरिया भी बढ़े.
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ऐसे बनाते हैं गोबर से गणपति
प्रमोद आर्य ने बताया कि महिलाएं पहले गांव से गोबर इकट्ठा कर इसे सूखाती हैं और फिर उसका पाउडर बनाकर गोंद के जरिए बॉन्डिंग की जाती है. घी और एलोवेरा भी गणेश प्रतिमा में मिलाया जाता है. एक सांचे के जरिए तैयार गोबर के मिश्रण को गणपति की प्रतिमा में डालते हैं और फिर गोबर से गणपति की प्रतिमा तैयार हो जाती है. इन्हें एलोवेरा जेल के जरिए फर्निशिंग देते हुए पैकिंग की जाती है.