राजनांदगांव: शहर के जमातपारा स्थित खुशी किराना दुकान में प्रतिबंधित ऑक्सीटॉसिन का इंजेक्शन खुलेआम बेचा जा रहा था. मुखबिर की सूचना पर फूड एवं सेफ्टी विभाग की टीम ने मौके पर छापामारी करते हुए 16 इंजेक्शन जब्त किए हैं. जब्त किए गए इंजेक्शन को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है.
दुकान पर छापेमार कार्रवाई जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में दोषी के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दायर किया जाएगा. दरअसल, फूड एंड सेफ्टी विभाग की टीम ने जांच के दौरान पाया कि ऑक्सीटॉसिन की खरीदी बिक्री में भिलाई के एक सेल्समैन का हाथ है. इस बीच औषधि विभाग ने इस प्रतिबंधित दवाई का मुख्य रूप से निर्माण करने वाले दुर्ग निवासी विवेक गुप्ता के घर पर टीम के साथ आरोपी के रामनगर स्थित मकान में दबिश देकर भारी मात्रा में ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन बनाने के सामान जब्त किए गए हैं.
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सैंपल रायपुर भेजा गया
इस मामले में असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर संजय झाड़ेकर का कहना है कि मुखबिर की सूचना पर यह कार्रवाई की गई है. मौके पर ऑक्सीटॉसिन के 2 इंजेक्शन मंगवाए गए, जिसकी टेस्टिंग के बाद टीम ने छापामार करते हुए 16 इंजेक्शन जब्त किए हैं.
कार्रवाई को लेकर उठ रहे सवाल
खुशी किराना स्टोर में छापामारी जिस महिला ने ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन उपलब्ध कराया था. उक्त महिला पर कार्रवाई नहीं की गई. इस मामले में विभाग ने खुशी किराना स्टोर के संचालक भोला यादव पर कार्रवाई की है. वहीं मौके से तकरीबन 100 इंजेक्शन की खेप जब्त किए गए हैं, हालांकि विभाग केवल 16 इंजेक्शन जब्त किए जाने की बात कह रहा है.
मानव शरीर के लिए बेहद घातक
बता दें कि प्रतिबंधित ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन मानव शरीर के लिए बेहद ही घातक है. ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन पशुओं में दूध को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इंजेक्शन के उपयोग से पशुओं को भी काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है. इस इंजेक्शन के लगने के बाद उनके हारमोंस में बदलाव आते हैं, जिसके चलते पशुओं में दूध देने की मात्रा बढ़ जाती है, लेकिन इस दूध का सेवन करने पर मनुष्यों में भी हार्मोनअल बदलाव होते हैं, जो कि खासकर तौर पर शिशुओं के लिए बेहद घातक साबित होते हैं. केंद्र सरकार ने इस इंजेक्शन के हानिकारक प्रभाव को देखते हुए इसके विक्रय वितरण और निर्माण पर रोक लगा दी है.