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डोंगरगांव में अवैध उत्खनन का खुलासा करने गए पत्रकारों पर FIR

डोंगरगांव में खनन माफिया (mining mafia) खुले आम रेत, मुरुम का खनन कर रहे हैं. इस मामले का खुलासा करने गए पत्रकरों पर ही खनन माफिया ने हमला कर दिया. इसके अलावा पत्रकारों पर ही FIR दर्ज कर दी गई है. इसके विरोध में पत्रकार संघ (Journalists Association) ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है और कार्रवाई की मांग की है.

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पत्रकारों पर FIR

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Published : Jun 4, 2021, 11:07 PM IST

राजनांदगांव: डोंगरगांव थाना क्षेत्र के जामसरार गांव में अवैध रेत खनन (illegal sand mining) कर शासन को लाखों करोड़ो का चूना लगाया जा रहा है. आरोप है कि खनन माफिया को डोंगरगांव पुलिस (Dongargaon Police) और राजस्व कार्यलय का खुला संरक्षण प्राप्त है. खनन माफिया खुले आम रेत, मुरुम का खनन कर रहे हैं. इसी खबर को जब जिले के पत्रकार कवर करने गए तो पत्रकरों पर ही खनन माफिया ने हमला कर दिया. पत्रकार शशिकांत देवांगन, कामिनी साहू, राकेश राजपूत और दो अन्य कैमरामैन पर जानलेवा हमला किया गया. कैमरा छीन लिया गया, कार को नुकसान पहुंचाया और तो और महिला पत्रकार के साथ छेड़खानी करने का भी आरोप है.

पत्रकारों पर FIR

मामले को लेकर शुक्रवार को छुरिया के पत्रकारों के साथ छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन के जिला अध्यक्ष सोन कुमार सिन्हा के नेतृत्व में राज्यपाल अनुसुइया उइके (Governor Anusuiya Uikey) और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.

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झूठी FIR दर्ज करने का आरोप

आरोप है कि जिले में खनिज निगम (Mineral Corporation) की मिली भगत से अवैध खनन किया जा रहा है. पत्रकार संघ का कहना है कि राजनीतिक दबाव की वजह से मामाले में निष्पक्ष जांच की बजाए थाना प्रभारी और SDOP ने पत्रकारों पर झूठा केस लगा दिया है. उनका कहना है कि ये पत्रकारों को फसाने की साजिश है. जिससे आने वाले समय में पत्रकार मामले का खुलासा न कर सकें.

गंभीर जांच की मांग

मामले में जिले भर के पत्रकारों में आक्रोश देखा जा रहा है. राज्यपाल और मुख्यमंत्री से ज्ञापन में मांग की गई है कि मामले की गंभीरता से जांच की जाए. साथ ही झूठी FIR करने वाले थाना प्रभारी और SDOP के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है.

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