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राजनांदगांव: बॉर्डर पर मजदूरों के जमावड़े से कोरोना का खतरा, प्रशासन के फूले हाथ पाव - राजनांदगांव बॉर्डर पर 15 हजार मजदूर

राजनांदगांव के बार्डर पर दूसरे प्रदेशों से आने वाले मजदूरों का जमावड़ा लग गया है. मजदूरों की संख्या तकरीबन 15 हजार तक पहुंच गई है जिससे कोरोना के खतरे के साथ अव्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन के हाथ पाव फूलने लगे हैं.

Fear of corona increased due to workers gathering on Rajnandgaon border
बॉर्डर पर मजदूरों के जमावड़े से प्रशासन परेशान

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Published : May 17, 2020, 12:30 PM IST

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे बाघ नदी बॉर्डर पर लगातार मजदूरों का जमवाड़ा बढ़ता जा रहा है. आंध्र प्रदेश तेलंगाना और महाराष्ट्र के राज्यों में रोजी-रोटी की तलाश में जाने वाले प्रवासी मजदूर लगातार लौट रहे हैं. मजदूरों को लगातार छत्तीसगढ़ के बॉर्डर में रोका जा रहा है, देखते ही देखते संख्या 10 से 15 हजार तक पहुंच गई है. ऐसी हालत में कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता.

प्रवासी मजदूरों के पहुंचने का सिलसिला जारी

छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा को व्यवस्थित करने के लिए जिला प्रशासन राजनांदगांव पूरी तरीके से नाकाम रहा. लगातार प्रवासी मजदूर पैदल चलकर आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों से छत्तीसगढ़ की सीमा तक तो पहुंच गए लेकिन उन्हें छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. जिला प्रशासन राजनांदगांव के अफसरों की लापरवाही और सामंजस नहीं होने के चलते बॉर्डर में हालात काफी खतरनाक हो गई है.

गाड़ियों से पहुंच रहे मजदूर

कलेक्टर ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र

2 दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने बाघ नदी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर अफसरों की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी. इसके बाद आनन-फानन में कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस मामले में अवगत कराया. हालांकि इससे पहले ही हालात भयावह हो चुकी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. भाजपा के प्रदर्शन के बाद अचानक बॉर्डर पर अव्यवस्था को देखते हुए जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए और ऐसी हालत में अफसर अपनी फजीहत होते देख मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया.

मजदूरों का राजनांदगांव बॉर्डर पर लगा जमावड़ा
सैकड़ों मजदूरों के लिए पानी तक नहीं

छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर अब तकरीबन 15 हजार लोगों का जमवाड़ा हो चुका है. जहां न तो सोशल डिस्टेंसिंग है और ना ही मास्क पहनने के नियमों का पालन हो रहा है. लगातार बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. फिलहाल लोगों को उनके गंतव्य स्थान तक जाने के लिए छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. इसके चलते लोगों के सामने दो वक्त के भोजन की भी समस्या खड़ी हो गई है. लोगों को ना तो खाने को खाना मिल रहा है और ना ही पानी.

पढ़ें- राजनांदगांव: लॉकडाउन में मजदूरों का शोषण जारी, नहीं मिल रहा पूरा वेतन

लंबे समय से मीडिया से अफसरों की दूरी

लगातार मीडिया में कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को बताने के लिए चल रही खबरों से जिला प्रशासन के अफसर अवगत हैं. बावजूद इसके अक्सर किसी भी प्रकार की जानकारी मीडिया में देने से लगातार कतराते रहे हैं. यही कारण है कि 2 दिन पहले संभागायुक्त के दौरे की खबर भी मीडिया से छुपाई गई. इस मामले को लेकर कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य से संपर्क करने पर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.

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