राजनांदगांव: राजीव गांधी किसान न्याय योजना से उत्साहित किसानों को राज्य शासन ने बड़ा झटका दिया है. पिछले छह साल के धान रकबे में गौर करें तो शासन ने दो साल में धान के रकबे में जबर्दस्त कटौती कर दी है. वहीं पिछले रिकार्ड में राज्य शासन ने लगातार चार साल तक धान के रकबे में बढ़ोत्तरी की थी. लेकिन पिछले दो साल से रकबे की कटौती किए जाने से किसानों में नाराजगी सामने आ रही है.
राजीव गांधी किसान न्याय योजना बोनस में कटौती किसानों के साथ धोखा: धरमलाल कौशिक
राज्य शासन राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को प्रति क्विंटल 25 सौ रुपए का भुगतान कर रही है. जिसके चलते जिले में दलहन-तिलहन के किसान उत्साहित होकर धान की खेती कर रहे हैं. लेकिन शासन ने पिछले दो रकबा में कटौती कर दी है. साथ ही शासन ने दलहन और तिलहन के रकबे में भारी इजाफा किया है.
राजीव गांधी किसान न्याय योजना: सरकार से किसानों ने की एकमुश्त राशि भुगतान करने की मांग
पिछले साल किसानों को दलहन फसल के लिए प्रेरित सोयाबीन का रकबा 23969 हेक्टेयर कर रकबे में बढ़ोत्तरी की गई है. जिसे बढ़ाकर इस बार 34100 हेक्टेयर किया गया है. राज्य शासन ने पिछले साल 3 लाख 28 हजार हेक्टेयर में धान फसल के लिए प्लानिंग के निर्देश दिए थे. वहीं इस बार सिर्फ 2 लाख 98 हजार हेक्टेयर की योजना बनाई गई है. इस तरह पिछले साल के मुकाबले करीब तीस हजार हेक्टेयर पर कैंची चला दी गई है.
समर्थन मूल्य पर धान बेचने की उम्मीद पर फिरा पानी
किसान धान फसल में अच्छी कीमत मिलने के चलते इसकी खेती करते हैं. किसानों को प्रति क्विंटल सौ रुपए भुगतान किया जाता है. खरीफ सीजन में अच्छी कीमत की उम्मीद लगाए ही किसान धान की खेती करते हैं. लेकिन राज्य शासन धान के रकबे में कटौती कर किसानों को झटका दे रही है. जबकि बाजार में दलहन और तिलहन को समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाता है. अफसरों का कहना है कि दलहन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.