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लॉकडाउन में किसानों पर आर्थिक मार, दलाल उठा रहे बाजार का फायदा - किसानों को नहीं मिला लाभ

लॉकडाउन की वजह से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. बाजार में किसानों की उगाई हुई सब्जियां और फल कम दाम में बिक रहे हैं. जिसका दलाल और कोचिए जमकर फायदा उठा रहे हैं.

farmers are not getting profits due to Brokers in lockdown
लॉकडाउन में किसानों को आर्थित मार

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Published : May 21, 2020, 8:24 AM IST

Updated : May 21, 2020, 11:30 AM IST

राजनांदगांव:कोरोना संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन का असर मजदूरों के साथ-साथ गरीब किसानों पर भी पड़ रहा है. कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपनी सेवा देते अन्नदाता लगातार कर्ज के बोझ में दबते जा रहे हैं. इस वक्त बाजार में लोकल सब्जियां बेहद ही कम कीमत में बिक रही हैं, जबकि दलाल और कोचिए इस गिरते बाजार का जमकर फायदा उठा रहे हैं. इस स्थिति में किसान अपने उपज का दाम नहीं मिलने के चलते सब्जियां बाजार लाने के बजाए पशुओं को खिलाना बेहतर समझ रहे हैं.

किसानों को नहीं मिल रहा उनकी उपज का दाम

दलाल और कोचिए काट रहे चांदी

अचानक गिरे बाजार में किसानों के सामने जीवनयापन की समस्या आ खड़ी है. वहीं सब्जी दलाल और कोचिए इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं. इन्हें न कोई लागत लगानी और न किसी प्रकार का उत्पादन से लेकर बाजार लाने तक की मेहनत करनी है, लेकिन फायदा किसानों से कई गुना ज्यादा होता है. किसानों ने बताया कि कमीशन और प्रतिस्पर्धा के चलते बाजार के रेट को गिराने का काम दलाल और कोचिए करते हैं. इसका खामियाजा अधिकतर छोटे किसानों को भुगतना पड़ता है.

अन्नदाता पर लॉकडाउन की मार

इस सीजन में किसानों की उपजाई सब्जियां और धान सभी की कीमतें गिरी हैं. इस पर किसानों ने बताया कि पहले लॉकडाउन और फिर सरकारी बंदिशों ने सारी कसर पूरी कर दी. लॉकडाउन के बाद बाजार खुलते ही स्थानीय प्रशासन ने सभी सब्जियों के रेट तय कर दिए थे, और अधिक रेट में बेचने पर पुलिस की कार्रवाई के आदेश थे. इसके बाद भी प्रशासन ने एक बार भी किसानों की सुध नहीं ली. किसानों ने बताया कि निर्धारित रेट से ज्यादा में बेचने पर कार्रवाई की बात तो प्रशासन ने की लेकिन कम रेट में बेचने पर मुआवजा या क्षतिपूर्ति के लिए कोई सामने नहीं आ रहा.

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किसानों की समस्या सुनो सरकार

जल्दी खराब होने वाली सब्जियां और फल के दाम बाजार की मांग और पूर्ति के अनुसार तय होते हैं. दोनों में संतुलन के लिए मांग व पूर्ति बराबर होना बेहद जरूरी है. वर्तमान में बाहरी निर्यात लगभग बंद होने और बाहरी राज्यों से आवक लगातार बनी हुई है. जबकि संक्रमण की आशंका और विवाह उत्सवों के प्रतिबंध से मांग कम है. इससे बचने के लिए क्षेत्र में व्यापक स्तर पर कोल्ड स्टोरेज या फूड प्रोसेसिंग यूनिट सहित सब्जियों और फलों से उत्पादित खाद्य पदार्थों के निर्माण इकाईयों की स्थापना आवश्यक है. सब्जी और फलों के उत्पादन को रोकना संभव नहीं है लेकिन शीतगृह और सुविधाएं होने से इनका भंडारण किया जा सकता है.

Last Updated : May 21, 2020, 11:30 AM IST

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