राजनांदगांव : भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के कर्मचारी और रायपुर डिवीजन इंश्योरेंस एंप्लाइज यूनियन के कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के फैसले को देश-विरोधी कदम बताया है. कर्मचारियों ने LIC के IPO को प्राइवेट सेक्टर को बेचने की घोषणा को देश विरोधी कदम बताते हुए केंद्र सरकार को जमकर कोसा है.
LIC कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के फैसले को ठहराया गलत भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के दौरान सदन में रखे गए LIC में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव के खिलाफ 1 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की. जीवन बीमा निगम कर्मचारी एसोसिएशन के रायपुर डिविजन के अध्यक्ष प्रदीप मेश्राम ने कहा कि 'LICसार्वजनिक उपक्रम की कंपनी है. सरकार ने इसके शेयर प्राइवेट सेक्टर को बेचने का जो फैसला बजट में लिया है वह कहीं से भी देश हित में नहीं है'.
'केंद्र सरकार के कदम का करेंगे विरोध'
उन्होंने कहा कि, 'अगर सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है, तो इंश्योरेंस सेक्टर के सभी कर्मचारी सड़क पर उतरकर केंद्र सरकार के इस कदम का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि, 'LIC भारत की सबसे बड़ी कंपनी है, जो भारतीय स्टेट बैंक को भी पीछे छोड़ चुकी है, बावजूद इसके LIC के शेयर को बेचने का फैसला लिया गया है, जो कर्मचारी और देशहित में नहीं है.
'बड़े आंदोलन की चेतावनी'
इंश्योरेंस सेक्टर के रायपुर डिवीजन के कर्मचारियों ने LIC दफ्तर के सामने एक घंटे का सांकेतिक प्रदर्शन किया. इसके बाद कर्मचारी संघ के नेतृत्व में कर्मचारियों ने साफ तौर पर कहा कि, 'अगर केंद्र सरकार LIC के शेयर बेचने के फैसले पर कायम रही, तो वे बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे और सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे.