Boycotting Elections In Rajnandgoan: डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र के घोरदा गांव के लोगों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
Boycotting Elections In Rajnandgoan: डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र के घोरदा गांव के लोगों ने अपनी मांगों को लेकर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है. इसे लेकर ये बैनर पैस्टर लगाकर जानकारी दे रहे हैं. सभी ग्रामीणों ने मिलकर ये फैसला लिया है कि अगर मांग पूरी नहीं होती है तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे.
घोरदा गांव के लोगों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
राजनांदगांव में ग्रामीणों ने दिया चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
राजनांदगांव:चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद जहां एक ओर नेता एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में लोगों का गुस्सा भी फूटकर सामने आ रहा है. कई क्षेत्र के लोगों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है.
घोरदा गांव के ग्रामीण नहीं डालेंगे वोट: राजनांदगांव के डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम घोरदा में ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर लामबंद हो गए हैं. ये लोग अपनी मांगें पूरी न होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी भी दे रहे हैं. इसे लेकर बैनर पोस्टर लगाकर सभी ग्रामीणों ने एकजुट हुए और एक बड़ी बैठक की.
क्या है ग्रामीणों की मांगे:ग्रामीणों का कहना है कि गांव में खदान के संचालन के कारण उनके घरों में दरारें आने लगी है. इलाके का जलस्तर भी नीचे जा रहा है. इसे लेकर शासन प्रशासन से भी शिकायत की गई है. लेकिन खदान संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. खदान संचालन के कारण पेयजल के अलावा कृषि के लिए भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
गांव में निर्मल कुमार जैन द्वारा खदान का संचालन किया जा रहा है. इसकी वजह से हमें बहुत समस्या हो रही है. इस मामले में शासन प्रशासन से शिकायत की गई है. लेकिन शासन प्रशासन द्वारा हमें कोई सहयोग आज तक नहीं मिला है. इस वजह से हम चुनाव बहिष्कार करने जा रहे हैं. प्रशासन की ओर से हाई कोर्ट का हवाला देते हुए लगातार हमारे साथ नाइंसाफी की जा रही है. -हृदय राम साहू, ग्रामीण
ग्रामीण कर रहे चुनाव बहिष्कार की बात: बताया जा रहा है कि लगभग 40 सालों से यह समस्या चली जा रही है. खदान के संचालन के लिए प्रशासन की ओर से ली गई लीज पहले ही खत्म हो चुकी है. लेकिन नियम कायदे को ताक में रखकर प्रशासनिक अधिकारियों से सांठ-गांठ कर खदान संचालक की ओर से खदान का संचालन किया जा रहा है. इस मामले में प्रशासन और शासन से लगातार शिकायत करने के बावजूद अब तक ग्रामीणों को आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला है. इसे लेकर बड़ी तादाद में ग्रामीण लामबंद हो गए हैं. यही कारण है कि ये ग्रामीण इस बार विधानसभा चुनाव बहिष्कार की बात कह रहे हैं.