खैरागढ़/राजनांदगांव: कोरोना संकटकाल में मौसमी फलों की डिमांड तेजी से बढ़ गई है. केले और आम के साथ बाजार में मौसम्बी की मांग अधिक है. डॉक्टर भी गर्मी और कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों को फल खाने की सलाह दे रहे हैं. मौसम्बी में इम्युनिटी क्षमता अधिक होती है, इसलिए मौसम्बी की घरेलू मांग अधिक है.
संतरा बाजर से गायब हो जाने के बाद से बाजार में चेन्नई की मौसम्बी खूब बिक रही है. फल व्यापारियों का कहना है कि, गर्मी के सीजन में मौसम्बी की डिमांड ज्यादा होती ही है. लॉकडाउन की वजह से आवक कम है, लेकिन मौसम्बी बाजार में आसानी से उपलब्ध हो रही है. 6 से 7 दिन पहले तक मौसम्बी 70 से 80 रूपये किलो में बिक रही था. वहीं अब मौसम्बी 50 से 60 रूपये किलो बिक रही है. फल विक्रेताओं का कहना है कि, गर्मी के लिए मौसम्बी काफी फायदेमंद है. इसके कारण अब इसकी मांग बढ़ रही है.
दुकानों से ज्यादा घरेलू डिमांड
मौसम्बी व्यापारी कादिर अहमद और नेमचंद मानिक ने बताया कि लॉकडाउन के कारण शुरुआती दिनों में काफी नुकसान हुआ है, लेकिन लॉकडाउन में फलों की घरेलू डिमांड काफी बढ़ गई है. अभी कोरोना संक्रमण के कारण अधिकांश जूस कार्नर बंद हैं. फिर भी फलों की मांग घटी नहीं है. मौसम्बी को लेकर थोक फल भंडार के व्यापारियों ने कहा कि, 'मौसम्बी की आवक अब बढ़ गई है. इसके कारण दाम भी घट गए हैं. केवल संतरा महंगा है, क्योंकि बाजार में संतरा नहीं आ रहा है. पंजाब से ही संतरा पहुंच रहा है, जिसका भाव 140 से 150 किलो है. उन्होंने कहा कि, मौसम्बी सीधे बागान से आ रही है. वहीं आम और केले कोल्ड स्टोरेज से होकर आ रहे हैं.