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लोकार्पण से पहले जर्जर हुआ स्कूल, सरकारी राशि के दुरुपयोग का आरोप

शहर के शंकरपुर हाई स्कूल का नया भवन अपने लोकार्पण से पहले ही जर्जर नजर आ रहा है. इस स्कूल भवन की दीवारों में दरारें साफ दिखाई दे रही हैं. वहीं बारिश में कुछ जगहों से पानी भी टपक रहा है. इसके चलते निर्माण एजेंसी के काम को लेकर अब सवाल उठाए जा रहे हैं.

लोकार्पण से पहले जर्जर हुआ स्कूल

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Published : Sep 16, 2019, 11:19 AM IST

Updated : Sep 16, 2019, 11:58 AM IST

राजनांदगांव: शंकरपुर क्षेत्र में लगभग 93 लाख की लागत से बने गजानन माधव मुक्तिबोध शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला भवन अपने निर्माण के बाद से ही खराब गुणवत्ता को लेकर चर्चा में है. स्कूल भवन की दीवारें कई जगह से तड़क चुकी है. वहीं भवन के कमरों में खिड़कियां भी सही तरीके से नहीं लगाई गई है. खिड़कियों के अगल-बगल काफी गैप नजर आ रहा है और कुछ खिड़कियों में हैंडल भी नहीं है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
भवन के एक हिस्से में प्लास्टर के बगैर ही पुताई कर दी गई है. इस मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता रूपेश दुबे ने भवन की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि ये भवन निर्माण के दौरान ही गुणवत्ताहीन नजर आ रहा था. इस निर्माण में ठेकेदार-इंजीनियर की मिलीभगत साफ दिखाई देती है. वहीं इस तरह के निर्माण के चलते शासन की राशि का दुरुपयोग भी हुआ है.

लोकार्पण से पहले जर्जर हुआ स्कूल

स्कूल प्रशासन को अब तक हैंडओवर नहीं हुआ भवन
निर्माण में घटिया स्तर की सामग्रियां लगाए जाने का मामला भी कांग्रेस प्रवक्ता ने उठाया है. भवन की जर्जर स्थिति को लेकर उन्होंने प्रभारी मंत्री और मुख्यमंत्री से मामले की शिकायत करने की बात भी कही है. यह भवन स्कूल प्रशासन को अब तक हैंडओवर नहीं किया गया है. पुरानी बिल्डिंग टूट जाने से कक्षाएं संचालित करने में दिक्कत होती है. वहीं भवन का लोकार्पण जैसी औपचारिकता भी हैंडओवर नहीं होने की वजह से अब तक नहीं हो पाई है.

कलेक्टर ने जांच का आश्वासन दिया
इस मामले में कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य का कहना है कि मुझे इस मामले की जानकारी ETV भारत से प्राप्त हुई है. मामले को संज्ञान में लेकर, पूरी जानकारी लेकर फिर जांच कराई जाएगी.

छात्रों को भुगतना पड़ सकता है खामियाजा
शासन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूल भवनों का निर्माण कराने के लिए राशि देती है लेकिन धरातल पर भवनों की सही मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से इस तरह का घटिया निर्माण किया जाता है. जिसका खामियाजा स्कूली छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ता है.

Last Updated : Sep 16, 2019, 11:58 AM IST

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