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राजनांदगांव: बागियों पर पार्टियां मेहरबान, निष्कासन की बजाए कर रहे रिजल्ट का इंतजार

निकाय चुनाव में जो बागी प्रत्याशी निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे हैं, उनपर कार्रवाई के बजाय सभी पार्टियां रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं, ताकि जीतने वाले प्रत्याशी को फिर से पार्टी में शामिल कराया जा सके.

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Published : Dec 21, 2019, 8:43 AM IST

Congress and BJP did not act on rebels in rajnandgaon
निष्कासन की बजाए कर रहे इंतजार

राजनांदगांव:अप्रत्यक्ष प्रणाली से होने वाले चुनाव ने इस बार भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को टेंशन में डाल दिया है. यहीं कारण है कि नामांकन दाखिले के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों से बगावत कर चुके कार्यकर्ताओं पर अभी भी पार्टियां मेहरबान है. बागी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की बजाय अब दोनों ही पार्टियां केवल इंतजार कर रही हैं ताकि रिजल्ट के बाद भी वे उनके काम आ सके.

जिला स्तर पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने बागी कार्यकर्ताओं की सूची बनाकर रख ली है. कांग्रेस ने इस सूची को प्रदेश कांग्रेस पार्टी को सौंपने की बात कही है, लेकिन अब तक भाजपा ने इस दिशा में क्या कदम उठाया है. यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन दोनों ही सूरत में पार्टियां अपना ही फायदा देख रही है. यही कारण है कि अब बागी कार्यकर्ताओं पर भी पार्टी मेहरबान है.

हॉट सीटों पर बागियों का जलवा
निकाय चुनाव में हॉट सीटों पर बागियों का जलवा दिखाई दे रहा है शहर के वार्ड क्रमांक 17 में भाजपा से बागी प्रकाश साहू ने अपनी पत्नी संगीता साहू को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतार दिया है, तो टिकट न मिलने से नाराज वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बसंत बहेकर वार्ड 15 से पार्टी छोड़कर चुनाव लड़ रहे हैं. वार्ड 26 से अशोक चंद भाजपा से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ रहे हैं.

निर्दलियों ने भी दिखाया दमखम
चुनाव प्रचार में निर्दलियों ने भी इसबार दमखम दिखाया है. वार्ड 1 से राजा तिवारी और शीतला माता वार्ड से देवाशीष झा का प्रचार प्रसार काफी जोरों पर रहा वार्ड 28 से भाजपा के पूर्व पार्षद विनोद यादव तो कांग्रेस नेता संतराम वर्मा वार्ड 9 से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दमखम के साथ चुनाव मैदान में अपना जलवा दिखा रहे हैं. निर्दलियों की फौज के चलते भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को काफी टक्कर भी मिल रही है.

सारा खेल महापौर का
सारा खेल महापौर पद के लिए हो रहा है इसलिए पार्टियां निर्दलियों को भी खुले तौर पर मैदान में खेलने दे रही है. मैदान जीतने के बाद आसानी से पार्टियां इन्हें अपने कब्जे में ले लेगी और अपने मनपसंद के प्रत्याशी को महापौर बनाने के लिए बागी प्रत्याशी से भी मदद लेगी.

कार्रवाई होगी!
मामले में शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष राकेश जोशी का कहना है कि पार्टी से बागी होकर तकरीबन 20 लोग चुनाव लड़ रहे हैं इनकी सूची प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपी जा चुकी है. बागी होकर चुनाव लड़ने पर स्वंय ही 6 साल का निष्कासन हो जाता है. यह पार्टी गाइडलाइन में है जल्द ही बागियों पर कार्रवाई की जाएगी.

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