कार्तिक ने छत्तीसगढ़ी में 30 से ज्यादा एल्बम बनाए हैं, जिन्हें लोगों का बेहतर रिस्पांस मिल रहा है. इनके यूट्यूब चैनल पर अब तक एक करोड़ से ज्यादा भी व्यूज आ चुके हैं. कांतिकार्तिक के इस प्रयास को देखकर लगता है कि, जल्द ही इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर छत्तीसगढ़ की माटी को नई पहचान मिलेगी.
लोकगीत के प्रति था झुकाव
शहर के बैजनाथ नगर बसंतपुर में रहने वाले कांति कार्तिक को बचपन से ही छत्तीसगढ़ की माटी से लगाव था. और यही वजह थी कि, उनका झुकाव पारंपरिक लोक गीतों के प्रति ज्यादा था.
माता-पिता ने किया प्रेरित
इसे देखते हुए उनके पिता ने कांति को छत्तीसगढ़ी लोककला और गीत पर नए सिरे से काम करने के लिए प्रेरित किया और इस काम में कांतिकार्तिक बहुत आगे निकल चुके हैं. अब तक उन्होंने 30 से ज्यादा एल्बम बनाएं हैं और यूट्यूब पर चैनल बनाकर छत्तीसगढ़ लोकगीतों को देश के साथ-साथ दुनिया में पहुंचाने का काम किया है.
यूट्यूब के जरिए हो रहे फेमस
लोग लगातार कांति के यूट्यूब चैनल के माध्यम से छत्तीसगढ़ी लोकगीतों से रूबरू हो रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में कांति कार्तिक ने बताया कि 'छत्तीसगढ़ी बोली से लोगों को जोड़ने के लिए उन्होंने वेस्टर्न इंस्ट्रुमेंटल और फोक को मिलाकर तकरीबन 30 से ज्यादा एल्बम बनाएं और इसके पीछे उद्देश्य था कि लोगों को छत्तीसगढ़ी बोली से जोड़ना देश में स्थान दिलाने की सोच थी'.
बचपन से था रुझान
कांति के माता-पिता ने भी कांति के भीतर छत्तीसगढ़ माटी के लगाओ और लोकगीतों के प्रति रुझान को देखते हुए उन्हें इस काम के लिए प्रेरित किया. बस यहीं से उन्हें प्रेरणा मिली और कांति कार्तिक ने लगातार छत्तीसगढ़ी लोकगीतों में वेस्टर्न इंस्ट्रुमेंटल का प्रयोग किया, ताकि आज की जनरेशन छत्तीसगढ़ी लोकगीतों से आसानी से जुड़ सके.