राजनांदगांवःधर्मनगरी डोंगरगढ़ मां बम्लेश्वरी मंदिर के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है. वहीं यहां पर कृष्ण जन्माष्टमी पर मनाया जाने वाला गोविंदा उत्सव देश-प्रदेश में जाना जाता है. सौ साल पहले शुरू हुआ गोविंदा उत्सव आज भी नगरवासी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. इस साल भी नगर के सभी इलाकों में दही हांडी का आयोजन किया गया, जिसे लेकर नगरवासियों में काफी उत्साह देखने को मिला.
जन्माष्टमी पर डोंगरगढ़ में 101 साल से दही हांडी का हो रहा है आयोजन जिला प्रशासन की ओर से इस उत्सव पर स्थानीय अवकाश घोषित कर सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई थी. मुंबई और वृंदावन की तर्ज पर ही यहां के लोग गोविंदा उत्सव मनाते हैं. नगर के गोल बाजार हनुमान उत्सव समिति द्वारा 25 फीट की ऊंचाई पर दही हांडी रखी गई, जिसे फोड़ने के लिए 7 से 8 टोलियां ने भाग लिया.
दूसरे राज्यों से भी शामिल हुईं टोलियां
इस साल गोविंदा उत्सव को 101 वर्ष हो गए. विशेषतौर पर नगर के तीन जगहों पर दही हांडी का आयोजन किया जाता है, जिन्हें फोड़ने पर लाखों रुपए के इनाम टोलियों को दिए जाते हैं. इस आयोजन में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से भी टोलियां शामिल होती हैं.
ऐसे हुई थी गोविंदा उत्सव की शुरुआत
डोंगरगढ़ में गोविंदा उत्सव की शुरुआत साल 1918 में रेलवे कर्मचारी बाबूराव अन्ना ने की थी. तब उत्सव का आयोजन बहुत कम खर्च पर शुरू हुआ था, लेकिन आज लाखों रुपए तक पहुंच चुका है. अन्ना के रिटायरमेंट के बाद यह आयोजन गट्टानी परिवार की तीसरी पीढ़ियों ने संभाल लिया है. यह परिवार पिछले 48 साल से उत्सव को सफलतापूर्वक कराते आ रहा है.