राजनांदगांव/खैरागढ़:कोरोना वायरस से बचाव के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन में बस के परिचालन पर रोक लगा दिया गया है. बस का परिचालन बंद होने से इन क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को जीवन यापन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
पिछले ढाई महीने से बस सेवा बंद होने से बस संचालक, चालक, परिचालक, बस स्टैंड मुंशी, हेल्पर, हमाल, कुली सहित अन्य दुकानदारों को अब तक राहत नहीं मिल पाई है. लॉकडाउन पांच में लगभग सभी सेवाओं को धीरे-धीरे शुरू कर दिया गया है, लेकिन बसों के परिचालन को लेकर किसी प्रकार की व्यवस्था और दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है.
आर्थिक सहायता की मांग
बस परिचालन के क्ष्रेत्र में काम करने वालों का कहना है कि, उनके परिवार के जीवन यापन का एक मात्र साधन है. शासन की ओर से भी केवल चावल की ही मदद की जा रही है. जिसके कारण अन्य दैनिक सामानों की व्यवस्था करने पर उन्हे आर्थिक तंगी की समस्या आ रही है. उनके पास आय का दूसरा और कोई साधन नही है. जिसके कारण अब ये लोग शासन से आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं.
खाली बैठेे हैं चालक-परिचालक
खैरागढ़ क्षेत्र के लिए ही 80 से अधिक यात्री बसों का परिचालन होता है. खैरागढ़ से राजनांदगांव, कवर्धा, दुर्ग, धमधा, रायपुर, डोंगरगढ़, गातापार, जंगल देवरी, लांजी, विक्रमपुर इलाके में बसों की आवाजाही होती है. अब बस परिचालन बंद होने से लगभग 200 से अधिक बस चालक परिचालक ढाई महीने से खाली बैठे हैं.