राजनांदगांव:कोरोना के संकट ने एक भाई से अपनी बहन को विदा करने का हक छीन लिया. गंडई के गोकना गांव में रहने वाला 32 साल का समलिया निषाद क्वॉरेंटाइन होने की वजह से अपनी बहन की शादी में शरीक नहीं हो पया. वो समलिया शादी के एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के अहमद नगर से लौटा था.
लॉकडाउन में राज्य सीमाओं की परेशानियों को पार करते हुए भाई सैकड़ों किलोमीटर दूर से छत्तीसगढ़ तो पहुंच गया, लेकिन कुछ कदम की दूरी को वो कोरोना की वजह से पार नहीं कर पाया. समालिया गांव पहुंचा तो इलाका रेड जोन होने की वजह से उसे क्वॉरेंटाइन कर दिया गया. वहीं क्वॉरेंटाइन में रहने के कारण ग्रामीणों ने समलिया को शादी में नहीं आने का फरमान सुना दिया. मजबूरन समलिया को दूर से ही बहन को आर्शीवाद देकर विदा करना पड़ा.
गांववालों ने किया विरोध
समलिया की छोटी बहन की बारात 4 मई को आनी थी. लॉकडाउन की वजह से भाई महाराष्ट्र से नहीं निकल पा रहा था. जैसे-तैसे वो पैदल और लिफ्ट लेकर करीब 900 किलोमीटर का सफर तय कर गांव पहुंचा. गांव पहुंचते ही उसे क्वॉरेंटाइन कर दिया गया. दूसरे दिन समलिया ने बहन की शादी में शरीक होने की इच्छा जताई, लेकिन ग्रामीणों ने साफ मना कर दिया. मजबूरन समलिया को दूर से ही शादी देखनी पड़ी. वो क्वॉरेंटइन सेंटर में रहकर ही बारात और अपनी बहन की विदाई को देखता रहा.
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ग्रामीणों के फरमान से बेबस हुआ भाई
समलिया को गांव में घुसने से पहले ही क्वॉरेंटाइन कर दिया गया था. वहीं बहन की शादी में जाने की इच्छा जाहिर करने के बाद ग्रामीणों ने फरमान सुना दिया की समलिया रेड जोन से आया है. सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक उसे शादी में शामिल नहीं होना है. वहीं अगर वह शादी में शामिल होता है, तो वो क्वॉरेंटाइन और प्रशासन के निर्देश का उल्लंघन होगा, जिससे वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा. गांववालों का कहना था कि अगर वो शादी में शामिल हुआ तो कोई दूसरा शरीक नहीं होगा.