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किसानों की मौत पर सांसद संतोष पांडेय ने सरकार पर लगाए आरोप, कांग्रेस ने कहा- 'आर्थिक रूप से समृद्ध हैं किसान'

छत्तीसगढ़ में किसानों की मौत का मामला गरमाया हुआ है. विपक्ष लगातार सरकार को इस मुद्दे पर घेर रहा है, तो वहीं सत्ताधारी पार्टी जांच की बात कहती नजर आ रही है. राजनांदगांव के घुमका धान खरीदी केंद्र में हुई किसान की मौत को लेकर बीजेपी सांसद ने कांग्रेस सरकार पर कई आरोप लगाए हैं, तो वहीं कांग्रेस नेता किसानों की आर्थिक समृद्धि की बात कहते नजर आए.

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किसानों की मौत पर सियासत !

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Published : Dec 10, 2020, 9:08 AM IST

Updated : Dec 10, 2020, 1:30 PM IST

राजनांदगांव: देश में ही नहीं छत्तीसगढ़ में भी किसान के मुद्दे पर लगातार सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी लगातार छत्तीसगढ़ में हो रही किसानों की आत्महत्या और मौत को लेकर सरकार को घेर रही है, तो वहीं कांग्रेस सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. हाल ही में धान खरीदी केंद्र में हुई किसान की मौत का मामला इन दिनों तूल पकड़ रहा है. घुमका के धान खरीदी केंद्र में किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. किसान के परिजनों का आरोप है कि धान खरीदी केंद्र में रिश्वत मांगने की वजह से सदमे में किसान की मौत हुई है.

किसानों की मौत पर सियासत !

पढ़ें-LIVE UPDATE: छत्तीसगढ़ में 9 दिनों में 13 लाख 21 हजार मीट्रिक धान की हुई खरीदी

बुधवार को प्रदेश में सियासी पारा काफी गर्म रहा एक और घुमका सोसायटी में गिधवा निवासी किसान करण साहू की मौत हो गई. इस मामले में सोसायटी के कर्मचारियों पर धान बेचने के एवज में रिश्वत मांगने के आरोप लग रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि इस वजह से ही सदमे में आकर किसान को हार्ट अटैक आ गया. इस पूरे मामले पर बीजेपी सांसद संतोष पांडेय ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उनका कहना है कि राज्य शासन धान खरीदी केंद्रों में व्यवस्था नहीं कर पा रही है. किसानों के हितैषी बनने का नाटक करते हुए किसानों को अव्यवस्था के बीच झोंक दिया गया है, जिससे उनकी जान पर बन आई है. मृतक किसान राज्य शासन की ऐसी ही एक अव्यवस्था का शिकार हुआ है. उन्होंने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि 'भूपेश सरकार किसानों के हितों की बात तो करती है, लेकिन किसानों को धान खरीदी में अच्छी व्यवस्था तक नहीं दे पा रही है.' दूसरी ओर बारदाना खरीदी को लेकर भी उन्होंने राज्य सरकार को दोषी माना है. उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ जैसे धान प्रधान राज्य में धान खरीदी के लिए पहले से तैयारी नहीं करना राज्य शासन की दूरदर्शिता का परिणाम है, जिसका खामियाजा आज किसान भुगत रहे हैं.

धान खरीदी केंद्र
आर्थिक रूप से समृद्ध हुए किसानएक ओर जहां बीजेपी लगातार सरकार को किसानों की हो रही मौत के मामले में घेर रही है, तो वहीं कांग्रेस के नेता इन आरोपों को खारिज करते नजर आ रहे हैं. खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य में किसानों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. वह आर्थिक रूप से सक्षम हुए हैं. राज्य की कांग्रेस सरकार ने किसानों के हित में जो योजनाएं चलाई हैं, उनका सीधा फायदा किसानों को मिला है. बीजेपी के आरोप निराधार हैं. पिछले 15 सालों में भाजपा ने जो कुशासन किया, इसके चलते जनता ने उन्हें सत्ता से दूर रखा है और किसानों के हितों के लिए काम करने के लिए ही कांग्रेस को सत्ता सौंपी गई है. उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिले के घुमका सोसायटी में किसान की मौत का मामला निश्चित जांच के योग्य है, जल्दी इस मामले में जांच कर सच सामने लाया जाएगा.
धान खरीदी केंद्र

एक लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान की हुई खरीदी

प्रदेश में 9 दिसम्बर तक 13 लाख 21 हजार मीट्रिक धान की खरीदी की गई है. अब तक राज्य के 3 लाख 69 हजार 561 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है. इनमें से 3 लाख 34 हजार 256 किसानों को एक हजार 563 करोड़ रुपए का ऑनलाइन भुगतान किया गया है. राजनांदगांव में एक लाख 21 हजार 648 मीट्रिक टन धान खरीदी की जा चुकी है.

Last Updated : Dec 10, 2020, 1:30 PM IST

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